Saturday, April 19, 2025
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भूख-प्यास से तड़पकर मरीं 13 गायें, गौठान बना ‘मौत का घर’, सरपंच की लापरवाही या सिस्टम की खामी?

दुर्ग में भूख-प्यास से 13 गायों की मौत, सरपंच पर लापरवाही का आरोप  

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के गौठान में 13 से अधिक गायों की भूख और प्यास से मौत हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि सरपंच ने फसल बचाने के लिए मवेशियों को गौठान में बंद कर दिया और 15 दिनों तक चारा-पानी की व्यवस्था नहीं की।

गौठान में सड़ती लाशों से हुआ घटना का खुलासा 

गांव के गौठान में बदबू फैलने पर ग्रामीणों को गायों की मौत का पता चला। मृत गायों के शवों को आनन-फानन में दूसरी जगह फेंक दिया गया। पशु विभाग ने मौके पर पहुंचकर कुछ शवों का पोस्टमॉर्टम कराया।

गो-सेवकों का हंगामा, FIR की मांग  

गो-सेवकों ने घटना के बाद पुलिस थाने में सरपंच के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही।

सरपंच की लापरवाही या निमोनिया से मौत?  

जनपद पंचायत सीईओ ने कहा कि सरपंच और उसकी कमेटी ने चारा-पानी की जिम्मेदारी नहीं निभाई। हालांकि, शुरुआती जांच में निमोनिया से मौत की आशंका जताई गई है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।

कांग्रेस की योजनाएं बंद, गौठान वीरान  

भूपेश सरकार द्वारा शुरू की गई “नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी” योजना साय सरकार में बंद कर दी गई। इससे प्रदेश के गौठानों की स्थिति खराब हो गई है।

सरकारी बजट, लेकिन चारा-पानी का अभाव

राज्य सरकार गोशालाओं को प्रति गाय 35 रुपये का अनुदान देती है। बावजूद इसके, गौठानों में गोवंश भूख और प्यास से मरने को मजबूर हैं।

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