बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार-भाटापारा जिले के कसडोल थाना क्षेत्र में गुरुवार की शाम को एक भयावह घटना घटी, जिसमें एक ही परिवार के चार सदस्यों की निर्ममता से हत्या कर दी गई। मृतकों में दो बहनें, भाई और एक मासूम बच्चा शामिल हैं। सभी के शव गुरुवार रात को एक मकान में मिला है। पुलिस ने 3 आरोपियों को हिरासत में लिया है। जिसमें पकड़े गए आरोपी में पिता- बेटा है।
जानकारी के अनुसार, छरछेद गांव के एक घर में 4 लोगों की खून से लथपथ लाश मिली है। मरने वालों की पहचान चेतराम केवट (40), जमुना बाई केवट(28) , यशोदा बाई केवट(30)और जमुना का 11 महीने का मासूम यश के रूप में हुई है। हत्या से इलाके में तनाव को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात है।
टोनही के शक में हत्या होने की आशंका
बलौदाबाजार के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि, पकड़े गए 3 आरोपी दूसरे मोहल्ले के हैं और तीनों एक ही परिवार के हैं। आरोपियों के साथ ही स्थानीय लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। आशंका जताई जा रही है कि, आरोपियों ने टोनही के शक में मर्डर किया है।
मामले की जांच में जुटी पुलिस
हत्या की खबर मिलते ही पूरे गांव में मातम छा गया। गांव के लोग इस नृशंस हत्याकांड से दहशत में हैं और सदमे में हैं। पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया और मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी है। शुरुआती पूछताछ में यह बात सामने आई है कि आरोपियों को चैतराम के परिवार पर जादू-टोने का शक था, जिसकी वजह से उन्होंने यह जघन्य अपराध किया। पकड़े गए आरोपियों में रामनाथ पाटले पुत्र सुखी पाटले, दीपक पाटले पुत्र रामनाथ पाटले और दिल पाटले पुत्र रामनाथ पाटले शामिल हैं। फिलहाल इलाके में हत्या के चलते तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है। अभी तक हत्या का कारण और ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ सकी है।
शिक्षा और जागरूकता की सख्त जरूरत
यह घटना समाज में व्याप्त अंधविश्वास और जादू-टोने के प्रति लोगों की अंध श्रद्धा की एक और दुखद मिसाल है। छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में आज भी जादू-टोने के शक के चलते हिंसा और हत्याओं की घटनाएं होती रहती हैं। इस प्रकार के अंधविश्वासों को खत्म करने के लिए शिक्षा और जागरूकता की सख्त जरूरत है।