बिलासपुर। आगामी लोकसभा चुनाव के मददेनजर आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमिटी (एमसीएमसी) के अंतर्गत गठित विभिन्न टीमों के लगभग 25 अधिकारी- कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया।
मीडिया मॉनिटरिंग के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षण
इसमें प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया, सोशल मीडिया, एफ.एम. और स्थानीय आकाशवाणी रेडियो ईकाई एवं ईलेक्ट्रानिक मीडिया अनुवीक्षण ईकाई के टीमों को जिला स्तरीय एमसीएमसी की भूमिका एवं कार्य के बारे में विस्तार से बताया गया। टीम के सभी सदस्य लोकसभा निर्वाचन में प्रत्याशियों द्वारा विभिन्न माध्यमों में चुनाव प्रचार के लिए खर्च की जाने वाली राशि पर निगरानी रखेेंगें। इस अवसर पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी शिव कुमार बनर्जी एवं एमसीएमसी कमिटी के सदस्य एवं नोडल अधिकारी मुनुदाऊ पटेल मौजूद थे।
चुनाव आयोग की रहेगी कड़ी नजर
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला स्तरीय मास्टर ट्रेनर एमटी आलम ने बताया कि मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण (ईईएम) की एक महत्वपूर्ण इकाई है। एमसीएमसी का प्रमुख कार्य सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्व-प्रमाणन करना, पेड न्यूज की निगरानी और चुनाव प्रकिया के दौरान मीडिया में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन की निगरानी करना है।
सर्टिफिकेशन के बाद ही जारी किये जाएंगे विज्ञापन
भारतीय निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार टीवी, रेडियो, सिनेमा घर, ई-समाचार पत्र, सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक स्थलों पर दृश्य-श्रव्य-माध्यमों पर राजनैतिक विज्ञापन के लिए प्रमाणन आवश्यक है। विज्ञापन अधिप्रमाणन की प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी राजनीतिक दल या प्रत्याशी या अन्य संस्था, व्यक्ति, मतदान के एक दिवस पूर्व बिना एमसीएमसी के प्रमाणीकरण के प्रिंट मीडिया में विज्ञापन प्रकाशित नहीं करा सकता। सभी प्रत्याशियों को अपने सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी आयोग को देना आवश्यक है। सोशल मीडिया पर विज्ञापन एवं प्रचार- प्रसार चुनाव व्यय में शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षण में पेड न्यूज का निर्धारण की प्रक्रिया एवं पेड न्यूज की पहचान के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गई।