बिलासपुर। कहावत है ना कि, बहुत तकलीफ होती है जब आप योग्य हों और लोग आपकी योग्यता नहीं पहचानें, जब आप कुछ करना चाहते हो और सिस्टम आपको निष्क्रिय कर दे। ठीक ऐसा ही मामला सामने आया है। जहां एक छात्र एडमिशन लेने के लिए कॉलेज बिल्डिंग के बाहर धरने पर बैठ गया है। मामला शासकीय पातालेश्वर महाविद्यालय मस्तूरी का है।
पहले भी पढ़ाई कर चुका है छात्र
यह छात्र पहले ही इस कॉलेज से हिंदी और पॉलिटिकल साइंस में पीजी कर चुका है। और अब तीसरी बार अर्थशास्त्र में पीजी करने की इच्छा व्यक्त कर रहा है। छात्र आरोप है कि कॉलेज में सीटें खाली होने के बाद भी उसे एडमिशन नहीं दिया जा रहा है, जबकि उसने सभी आवश्यक दस्तावेज 30 सितंबर अंतिम तिथि से पहले ही जमा कर दिए हैं।
सीट खाली होने के बाद भी एडमिशन नहीं दिया
आपको बता दें कि कॉलेज में एडमिशन की मांग कर रहे छात्र का नाम चीनू टंडन है। छात्र का कहना है कि उसने 25 सितंबर को अपने सभी आवश्यक दस्तावेज प्राचार्य के सामने जमा किए। लेकिन 30 सितम्बर को प्रवेश के अंतिम दिन भी उन्हें एडमिशन नहीं दिया। टंडन ने कहा, “कॉलेज में कुल 20 सीट हैं, जिनमें से 15 अभी खाली हैं। फिर भी मुझे एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। चीनू का ये भी कहना कि मैं पता करने के लिए यूनिवर्सिटी भी गया था। यूनिवर्सिटी वालो ने बताया कि तीसरा पीजी भी कर सकते हैं। इसलिए मैं एडमिशन के लिए कॉलेज आया। लेकिन प्रिंसिपल और फैकल्टी द्वारा एडमिशन नहीं दिया जा रहा है। जिसके कारण मुझे धरना पर बैठना पड़ रहा है।
छात्र का आरोप: मुझे कुछ हुआ तो प्राचार्य और फैकल्टी होंगे जिम्मेदार
उन्होंने यह भी बताया कि वह हाई डायबिटीज के मरीज हैं। और भूख हड़ताल पर बैठने के बावजूद उनकी स्थिति को नजर अंदाज किया जा रहा है। टंडन ने प्राचार्य भोजराम कुंटे पर आरोप लगाया कि वे उनके साथ उचित व्यवहार नहीं कर रहे हैं और कोई ठोस जवाब नहीं दे रहे हैं। टंडन ने कहा, अगर मुझे कुछ भी होता है, तो इसकी जिम्मेदारी प्राचार्य और उनकी फैकल्टी की होगी। उन्होंने कॉलेज प्रशासन से तुरंत कार्रवाई की मांग की और चेतावनी दी। कि अगर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता है, तो छात्रों का एक बड़ा विद्रोह हो सकता है।