बिलासपुर। ओबीसी आरक्षण के लागू होने के बाद बिलासपुर में महापौर पद की दौड़ में कांग्रेस के जिला महामंत्री अमित यादव का नाम तेजी से सामने आ रहा है। यादव समाज का समर्थन और उनकी पार्टी में मजबूत स्थिति उन्हें इस चुनाव में एक प्रमुख दावेदार बना रहे हैं।
अमित यादव की राजनीतिक यात्रा में उनकी सक्रियता और क्षेत्रीय विकास कार्यों ने उन्हें जनता में एक मजबूत पहचान दिलाई है। उनके समर्थक उन्हें न केवल एक प्रभावशाली नेता मानते हैं, बल्कि वह स्थानीय समस्याओं को सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यादव समाज के साथ-साथ अन्य ओबीसी समुदाय भी उनके पक्ष में खड़ा हो गया है, जो उनके चुनावी अभियान को मजबूती दे रहा है।
महापौर पद के लिए रणनीति में जुटे अमित यादव
अमित यादव महापौर पद के लिए पूरी तरह से सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी दावेदारी को लेकर चुनावी रणनीति तैयार कर ली है। उनके अनुसार, ओबीसी आरक्षण से समाज के पिछड़े वर्गों को राजनीतिक सशक्तिकरण का अवसर मिलेगा। उन्होंने चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए सोशल मीडिया और ग्राउंड लेवल पर प्रचार को तेज किया है।
उनका कहना है कि वे महापौर बनने के बाद शहर के बुनियादी मुद्दों पर ध्यान देंगे, जिनमें जल आपूर्ति, सड़क निर्माण, और कूड़ा निस्तारण प्रमुख होंगे। इसके साथ ही वे शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए भी प्रतिबद्ध हैं।
यादव समाज का समर्थन: एक मजबूत आधार
यादव समाज का समर्थन अमित यादव के लिए एक अहम ताकत है। समाज के वरिष्ठ नेता और समुदाय के लोग उनकी उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं, जो उनके राजनीतिक सफर को गति प्रदान करेगा। इस समर्थन से उनका विश्वास और भी बढ़ा है कि वे महापौर पद के चुनाव में सफलता प्राप्त करेंगे।
उनका मानना है कि उनकी जीत से शहर के विकास को नई दिशा मिलेगी और ओबीसी वर्ग की आवाज को सशक्त रूप से उठाया जाएगा।
अमित यादव की महापौर पद के लिए दावेदारी ने कांग्रेस में नई उम्मीदों का संचार किया है। यादव समाज के व्यापक समर्थन और उनके नेतृत्व में क्षेत्रीय विकास की दिशा में कई सकारात्मक बदलाव हो सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि उनका नेतृत्व बिलासपुर में कांग्रेस पार्टी की स्थिति को और मजबूत कर पाएगा या नहीं।