Saturday, April 19, 2025
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भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव के अवसर पर पांच दिवसीय महोत्सव का होगा आयोजन…..

 

बिलासपुर /अक्षय तृतीया के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी भगवान परशुराम की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई जाएगी।समग्र ब्राह्मण समाज और परशु सेना द्वारा पांच दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को इस संबंध में प्रेस क्लब में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी गई। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अरविंद दीक्षित परशु सेना के संरक्षक डॉ विवेक बाजपेई, सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि 30- 40 साल पहले बिलासपुर में बेहद सामान्य ढंग से कुछ उत्साही ब्राह्मणों द्वारा परशुराम जयंती पर शोभा यात्रा की शुरुआत की गई थी, जिसने आज भव्य स्वरूप ले लिया है। अब तो बिलासपुर और आसपास पूरे पखवाड़े भर यह उत्सव मनाया जाने लगा है।भगवान श्री परशुराम जी जन्म उत्सव में इस बार पांच दिवसीय महोत्सव की रूपरेखा तय की गई है। इसका आरंभ 19 अप्रैल बुधवार से हो रहा है। प्रथम दिवस लोखंडी आशीर्वाद भवन स्थित भगवान परशुराम मंदिर में विराजित भगवान के जीवंत विग्रह की पूजा अर्चना एवं आरती से की जाएगी। इसके साथ ही जन्मोत्सव का आरम्भ होगा। इसी क्रम में 20 अप्रैल को जिला चिकित्सालय बिलासपुर में सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। गर्मी के दिनों में ब्लड बैंक में रक्त की मांग बढ़ जाती है, जिसे इस रक्तदान शिविर के माध्यम से पूरा किया जाएगा।तीसरे दिन 21 अप्रैल शुक्रवार को भगवान परशुराम जन्मोत्सव के क्रम में महिला संगठनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विविध प्रतिस्पर्धाओ का आयोजन किया जाएगा। देवकीनंदन स्कूल भवन में दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक जहां प्रतिभागी विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेंगे वही उनके द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी जाएगी ।
शनिवार 22 अप्रैल को कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज भवन इमली पारा में सुबह 10:30 बजे से भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में विप्र समाज द्वारा भगवान परशुराम जी की सामूहिक आरती, पूजन एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा। रविवार 23 अप्रैल को भगवान परशुराम जयंती अवसर पर भव्य शोभायात्रा दयालबंद स्थित शीतला माता मंदिर से निकाली जाएगी,जिसमें उज्जैन के प्रसिद्ध डमरू बजाने वाली टोली आकर्षण का केंद्र होगी। इस शोभायात्रा में इलाहाबाद नागा अखाड़े के साधु भी शामिल होंगे। यह शोभायात्रा प्रमुख मार्गों से होते हुए पंडित देवकीनंदन कन्या शाला प्रांगण में धर्म सभा के रूप में समाहित होगी। शोभायात्रा के समापन के बाद आचार्य श्री राजेश्वर जी महाराज राजस्थान वाले, राष्ट्रीय अध्यक्ष संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राष्ट्रीय संयोजक सर्व ब्राह्मण महासभा, प्रख्यात आयुर्वेद एवं योग आचार्य द्वारा आशीर्वचन दिया जाएगा।इसी संध्या भजन संध्या और महाप्रसाद का भी कार्यक्रम रखा गया है। परशुराम जयंती महोत्सव को लेकर बिलासपुर शहर को भव्य रूप से सजाने की शुरुआत कर दी गई है। बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आयोजन समिति ने कहा कि भारत के सभी प्रांत में रहने वाले ब्राह्मण एक मंच पर आकर इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे ।भगवान परशुराम केवल ब्राह्मणों के देवता नहीं है। वे तो समस्त सनातनियों के आराध्य हैं। भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव केवल ब्राह्मण समाज नहीं बल्कि समग्र हिंदू समाज बड़े उत्साह के साथ मनाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष मोहन देव पुजारी, सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के प्रणव शर्मा समदरिया, तेलुगू ब्राहमण समाज के प्रमुख बुलूसू महेश कुमार और अपूर्व तिवारी सहित अन्य ब्राम्हण समाज के प्रमुख लोग मौजूद रहे।

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  बिलासपुर /अक्षय तृतीया के अवसर पर हर साल की तरह इस बार भी भगवान परशुराम की जयंती उत्साहपूर्वक मनाई जाएगी।समग्र ब्राह्मण समाज और परशु सेना द्वारा पांच दिवसीय महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। मंगलवार को इस संबंध में प्रेस क्लब में पत्रकारों को विस्तार से जानकारी दी गई। कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अरविंद दीक्षित परशु सेना के संरक्षक डॉ विवेक बाजपेई, सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने बताया कि 30- 40 साल पहले बिलासपुर में बेहद सामान्य ढंग से कुछ उत्साही ब्राह्मणों द्वारा परशुराम जयंती पर शोभा यात्रा की शुरुआत की गई थी, जिसने आज भव्य स्वरूप ले लिया है। अब तो बिलासपुर और आसपास पूरे पखवाड़े भर यह उत्सव मनाया जाने लगा है।भगवान श्री परशुराम जी जन्म उत्सव में इस बार पांच दिवसीय महोत्सव की रूपरेखा तय की गई है। इसका आरंभ 19 अप्रैल बुधवार से हो रहा है। प्रथम दिवस लोखंडी आशीर्वाद भवन स्थित भगवान परशुराम मंदिर में विराजित भगवान के जीवंत विग्रह की पूजा अर्चना एवं आरती से की जाएगी। इसके साथ ही जन्मोत्सव का आरम्भ होगा। इसी क्रम में 20 अप्रैल को जिला चिकित्सालय बिलासपुर में सुबह 10:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। गर्मी के दिनों में ब्लड बैंक में रक्त की मांग बढ़ जाती है, जिसे इस रक्तदान शिविर के माध्यम से पूरा किया जाएगा।तीसरे दिन 21 अप्रैल शुक्रवार को भगवान परशुराम जन्मोत्सव के क्रम में महिला संगठनों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं विविध प्रतिस्पर्धाओ का आयोजन किया जाएगा। देवकीनंदन स्कूल भवन में दोपहर 12:00 बजे से शाम 4:00 बजे तक जहां प्रतिभागी विभिन्न स्पर्धाओं में भाग लेंगे वही उनके द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी प्रस्तुति दी जाएगी । शनिवार 22 अप्रैल को कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज भवन इमली पारा में सुबह 10:30 बजे से भगवान परशुराम जन्मोत्सव के उपलक्ष में विप्र समाज द्वारा भगवान परशुराम जी की सामूहिक आरती, पूजन एवं प्रसाद वितरण किया जाएगा। रविवार 23 अप्रैल को भगवान परशुराम जयंती अवसर पर भव्य शोभायात्रा दयालबंद स्थित शीतला माता मंदिर से निकाली जाएगी,जिसमें उज्जैन के प्रसिद्ध डमरू बजाने वाली टोली आकर्षण का केंद्र होगी। इस शोभायात्रा में इलाहाबाद नागा अखाड़े के साधु भी शामिल होंगे। यह शोभायात्रा प्रमुख मार्गों से होते हुए पंडित देवकीनंदन कन्या शाला प्रांगण में धर्म सभा के रूप में समाहित होगी। शोभायात्रा के समापन के बाद आचार्य श्री राजेश्वर जी महाराज राजस्थान वाले, राष्ट्रीय अध्यक्ष संयुक्त भारतीय धर्म संसद, राष्ट्रीय संयोजक सर्व ब्राह्मण महासभा, प्रख्यात आयुर्वेद एवं योग आचार्य द्वारा आशीर्वचन दिया जाएगा।इसी संध्या भजन संध्या और महाप्रसाद का भी कार्यक्रम रखा गया है। परशुराम जयंती महोत्सव को लेकर बिलासपुर शहर को भव्य रूप से सजाने की शुरुआत कर दी गई है। बिलासपुर प्रेस क्लब में पत्रकारों से चर्चा करते हुए आयोजन समिति ने कहा कि भारत के सभी प्रांत में रहने वाले ब्राह्मण एक मंच पर आकर इस उत्सव का हिस्सा बनेंगे ।भगवान परशुराम केवल ब्राह्मणों के देवता नहीं है। वे तो समस्त सनातनियों के आराध्य हैं। भगवान विष्णु के अवतार भगवान परशुराम का जन्मोत्सव केवल ब्राह्मण समाज नहीं बल्कि समग्र हिंदू समाज बड़े उत्साह के साथ मनाएगा। पत्रकार वार्ता के दौरान महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष मोहन देव पुजारी, सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के प्रणव शर्मा समदरिया, तेलुगू ब्राहमण समाज के प्रमुख बुलूसू महेश कुमार और अपूर्व तिवारी सहित अन्य ब्राम्हण समाज के प्रमुख लोग मौजूद रहे।