Saturday, February 8, 2025
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बिलासपुर जिले के नेताओं की बीजेपी में उपेक्षा ??? प्रदेश के मंत्रिमंडल में नहीं मिली किसी को जगह… अब उप मुख्यमंत्री का कद घटाने बनाया तोखन को केंद्रीय मंत्री…???

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर लोकसभा सीट से पहली बार ऐतिहासिक जीत हासिल कर कैबिनेट राज्यमंत्री बनने वाले सांसद तोखन साहू सोमवार को इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन से बिलासपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। उनके साथ डिप्टी सीएम अरुण साव भी रहे। जहां ढोल नगाड़ों के साथ हजारों कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत हुआ।

केंद्रीय राज्यमंत्री बनने के बाद सांसद तोखन साहू का रायपुर आगमन हुआ था, तब भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। इसके साथ ही दुर्ग-भिलाई और राजनांदगांव में भी उनका अभिनंदन कर स्वागत किया गया।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव

वर्चस्व की लड़ाई की बात कही जा रही

दरअसल, बिलासपुर संभाग से केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बिलासपुर अब छत्तीसगढ़ के राजनीति का सेंटर आफ पावर बन गया है। बिलासपुर जिले में पहले से ही भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद है। जिनमें 15 साल तक छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री रहे अमर अग्रवाल पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव और छत्तीसगढ़ में राजनीति में जबरदस्त पकड़ रखने वाले धर्मजीत सिंह जैसे नेता शामिल है। ऐसे में उनके बीच वर्चस्व की लड़ाई की बात कही जा रही है। हालांकि उसे पूरे मामले पर भाजपा का कहना है। कि पार्टी अनुशासन पर काम करती है। और आपसी सामंजस्य से सभी अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं। वहीं बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के मुंगेली जिले से एक केबिनेट मंत्री तो दूसरे केंद्रीय राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद प्रदेश में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र का वर्चस्व ऊंचा हो गया है।

पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल

एक ही जिले में मिला 2 मंत्री

विधानसभा चुनाव में मुंगेली जिले के लोरमी से अरुण साव को बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया था। जिसके बाद व भारी मतों से विजयी हुए। विधानसभा जीत दर्ज करने के बाद उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है। वहीं लोकसभा चुनाव में लोरमी क्षेत्र के तोखन साहू को बिलासपुर लोकसभा प्रत्याशी बनाया। जिसके बाद भारी मतों से विजयी हुए। सोचने वाली बात ये है कि अपने ही क्षेत्र में बहुत ही कम वोट मिले। वहीं बिलासपुर क्षेत्र से अधिक वोट मिला। एनडीए सरकार ने बिलासपुर के नवनिर्वाचित तोखन साहू को राज्यमंत्री बनाया गया। वहीं बिलासपुर लोकसभा को 28 साल बाद राज्यमंत्री का दर्जा मिला है।

बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक
बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक

पुराने भाजपा नेताओं का था दबदबा

वहीं बिलासपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद तोखन साहू को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है। उनके राज्य मंत्री बनने के बाद अब सियासत के कई नए रंग देखने को मिल रहे हैं। सियासी गलियारों में एक नई हलचल शुरू हो गई है।

तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह
तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह

जिसमें लोग यह कहते नजर आ रहे है। कि अब बिलासपुर संभाग के बड़े नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई शुरू होगी। क्योंकि इससे पहले बिलासपुर से कोई भी केंद्रीय मंत्री नहीं बना था। जिसके कारण यहां के पुराने भाजपा नेताओं का दबदबा था। लेकिन अब इस क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री बनने के बाद स्थानीय नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई शुरू होगी। ये बात पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी कही है। कि बिलासपुर में हमेशा से ही बड़े नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई रही।अरुण साव के कद को घटाना था इसलिए उन्ही के क्षेत्र से तोखन साहू को केंद्रीय मंत्री बनाया गया।

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उप मुख्यमंत्री अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव
वर्चस्व की लड़ाई की बात कही जा रही दरअसल, बिलासपुर संभाग से केंद्रीय मंत्री बनने के बाद बिलासपुर अब छत्तीसगढ़ के राजनीति का सेंटर आफ पावर बन गया है। बिलासपुर जिले में पहले से ही भाजपा के दिग्गज नेता मौजूद है। जिनमें 15 साल तक छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री रहे अमर अग्रवाल पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक छत्तीसगढ़ राज्य के उपमुख्यमंत्री अरुण साव और छत्तीसगढ़ में राजनीति में जबरदस्त पकड़ रखने वाले धर्मजीत सिंह जैसे नेता शामिल है। ऐसे में उनके बीच वर्चस्व की लड़ाई की बात कही जा रही है। हालांकि उसे पूरे मामले पर भाजपा का कहना है। कि पार्टी अनुशासन पर काम करती है। और आपसी सामंजस्य से सभी अपनी जिम्मेदारियां निभाते हैं। वहीं बिलासपुर संसदीय क्षेत्र के मुंगेली जिले से एक केबिनेट मंत्री तो दूसरे केंद्रीय राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद प्रदेश में बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र का वर्चस्व ऊंचा हो गया है।
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल
एक ही जिले में मिला 2 मंत्री विधानसभा चुनाव में मुंगेली जिले के लोरमी से अरुण साव को बीजेपी प्रत्याशी बनाया गया था। जिसके बाद व भारी मतों से विजयी हुए। विधानसभा जीत दर्ज करने के बाद उप मुख्यमंत्री बना दिया गया है। वहीं लोकसभा चुनाव में लोरमी क्षेत्र के तोखन साहू को बिलासपुर लोकसभा प्रत्याशी बनाया। जिसके बाद भारी मतों से विजयी हुए। सोचने वाली बात ये है कि अपने ही क्षेत्र में बहुत ही कम वोट मिले। वहीं बिलासपुर क्षेत्र से अधिक वोट मिला। एनडीए सरकार ने बिलासपुर के नवनिर्वाचित तोखन साहू को राज्यमंत्री बनाया गया। वहीं बिलासपुर लोकसभा को 28 साल बाद राज्यमंत्री का दर्जा मिला है।
बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक
बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक
पुराने भाजपा नेताओं का था दबदबा वहीं बिलासपुर लोकसभा संसदीय क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद तोखन साहू को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया है। उनके राज्य मंत्री बनने के बाद अब सियासत के कई नए रंग देखने को मिल रहे हैं। सियासी गलियारों में एक नई हलचल शुरू हो गई है।
तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह
तखतपुर विधायक धर्मजीत सिंह
जिसमें लोग यह कहते नजर आ रहे है। कि अब बिलासपुर संभाग के बड़े नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई शुरू होगी। क्योंकि इससे पहले बिलासपुर से कोई भी केंद्रीय मंत्री नहीं बना था। जिसके कारण यहां के पुराने भाजपा नेताओं का दबदबा था। लेकिन अब इस क्षेत्र से केंद्रीय मंत्री बनने के बाद स्थानीय नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई शुरू होगी। ये बात पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने भी कही है। कि बिलासपुर में हमेशा से ही बड़े नेताओं के बीच वर्चस्व की लड़ाई रही।अरुण साव के कद को घटाना था इसलिए उन्ही के क्षेत्र से तोखन साहू को केंद्रीय मंत्री बनाया गया।