Friday, November 15, 2024
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छत्तीसगढ़ के कोयला खदानों को अडानी समूहों को देने के विरोध में कांग्रेसियों ने किया एसईसीएल मुख्यालय का घेराव

बिलासपुर। अडानी की आड़ में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पर बड़ा हमला करने की रणनीति के तहत काम कर रही है। इसी के तहत कोयला खदान आवंटन को लेकर बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय का आज घेराव किया गया।

इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकल्प शिविर में इस मुद्दे को उठाते हुए एसईसीएल के विरोध का संकेत दिये थे। एसईसीएल ने रायगढ़ जिले के पेलमा कोयला खदान का संचालन माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर मोड पर करने का फैसला लिया है। इसके लिए एसईसीएल ने अडानी समूह की कंपनी पेलमा कोलियरीज से एग्रीमेंट किया है। समझौते के अनुसार कोलियरिज अगले 20 वर्षों तक इसका संचालन करेगी। इस दौरान खदान से कुल 2190 टन से अधिक कोयला निकालने का प्रस्ताव है। एक वर्ष में अधिकतम 150 लाख टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम खदान को निजी हाथों में सौंपने का विरोध करते हुए मंगलवार को एसईसीएल मुख्यालय का कांग्रेसियो ने घेराव कर दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकारों ने देश के विकास के लिए प्रमुख 9 रत्न उपक्रम, कुल 18 रत्न उपक्रमो की स्थापना की, जो देश के विकास की बैक बोन है जिसमे से अधिकांश उपक्रम बेच दिए गए। अब SECL (भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम) एसईसीएल को भी बेचा जा रहा है और इसकी शुरुआत रायगढ़ क्षेत्र से हो चुकी है, नरेंद्र मोदी देश के युवाओं की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है और अपने मित्र अडानी को देश की एक एक संपत्ति बेच रहे है। रायगढ़ का खदान भी अडानी को बेचा जा रहा है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है।

इधर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक और भ्रम फैलाने वाला है, क्योंकि इसी अडानी समूह के साथ गैर भाजपा सरकारे अपने- अपने राज्यों में कारोबार कर रही है । उदाहरण देते हुए बताया गया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार है जहां 65000 करोड़ का अडानी ने निवेश किया है । केरल में 74000 करोड़ का निवेश, कर्नाटक में एक लाख करोड़ का वादा उद्योग मंत्री एम बी पाटील ने किया है, पश्चिम बंगाल में 35000 करोड़ का निवेश, छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस सरकार है 25000 करोड़ का ठेका कोयला के लिए अडानी को दे रखा है, आंध्र प्रदेश में 60000 करोड़ का निवेश, उड़ीसा 65000 करोड़ का निवेश ऐसे कई राज्य है जहां अडानी ने निवेश किया है।

तनिशचंद्र पीआरओ एसईसीएल, बिलासपुर

इस संबंध में एसईसीएल के पीआरओ तनीश चंद्र ने कहा कि यह आवंटन ग्लोबल ट्रैंडरिंग के अनुसार हुआ है। एसईसीएल ने एमडीओ मोड़ पर 03 खदाने दी है। देश भर में येसी 15 से ज्यादा खदाने दी गई है। तीनो में खदाने तीन अलग अलग कंपनियों को पारदर्शीय तरीके से दी गई है। आज हमारे भारत देश के ऊपर 36 हजार करोड़ का इंपोर्ट बिल है कोयले का अर्थात हम देश में कोयला नही निकाल पा रहे है। जिससे देश का 36 हजार करोड़ रुपया बाहर जा रहा है। इसका सीधा सा असर रूपयो के वेलवेशन पर पड़ता है। हमारी अर्थ व्यवस्था पर पड़ती है। सरकार इसे दो तरीकों से कम करने की दिशा में प्रयास कर रही है। पहला कोल ब्लाक के ऑक्शन का, दूसरा जो खदान हम स्थानीय या जियोग्रफिकी कारणों से नही चला पा रहे है उनमें हम प्राइवेट प्लेयर्स को इनवाइट कर रहे है । आप आइए अपने साथ टेक्नोलॉजी लेकर आइए । हम कोई भी खदाने बेच नही रहे है। खदान हमारी है हमारे पास ही रहेगी। साथ ही साथ जो कोयला निकलेगा वह बाहर के मार्केट में नही बेचा जायेगा । यह कोयला एसईसीएल ही लेगा। कोयला मंत्रालय ने जो नीति बनाई है उसी के तहत यह कार्यान्वित किया गया है इससे देश को फायदा होगा देश का पैसा बचेगा।

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बिलासपुर। अडानी की आड़ में कांग्रेस विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा पर बड़ा हमला करने की रणनीति के तहत काम कर रही है। इसी के तहत कोयला खदान आवंटन को लेकर बिलासपुर में एसईसीएल मुख्यालय का आज घेराव किया गया।

इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकल्प शिविर में इस मुद्दे को उठाते हुए एसईसीएल के विरोध का संकेत दिये थे। एसईसीएल ने रायगढ़ जिले के पेलमा कोयला खदान का संचालन माइन डेवलपर एंड ऑपरेटर मोड पर करने का फैसला लिया है। इसके लिए एसईसीएल ने अडानी समूह की कंपनी पेलमा कोलियरीज से एग्रीमेंट किया है। समझौते के अनुसार कोलियरिज अगले 20 वर्षों तक इसका संचालन करेगी। इस दौरान खदान से कुल 2190 टन से अधिक कोयला निकालने का प्रस्ताव है। एक वर्ष में अधिकतम 150 लाख टन कोयला निकालने का लक्ष्य रखा गया है।

सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम खदान को निजी हाथों में सौंपने का विरोध करते हुए मंगलवार को एसईसीएल मुख्यालय का कांग्रेसियो ने घेराव कर दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पूर्ववर्ती सरकारों ने देश के विकास के लिए प्रमुख 9 रत्न उपक्रम, कुल 18 रत्न उपक्रमो की स्थापना की, जो देश के विकास की बैक बोन है जिसमे से अधिकांश उपक्रम बेच दिए गए। अब SECL (भारत सरकार का सार्वजनिक उपक्रम) एसईसीएल को भी बेचा जा रहा है और इसकी शुरुआत रायगढ़ क्षेत्र से हो चुकी है, नरेंद्र मोदी देश के युवाओं की भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे है और अपने मित्र अडानी को देश की एक एक संपत्ति बेच रहे है। रायगढ़ का खदान भी अडानी को बेचा जा रहा है, जिसका कांग्रेस विरोध करती है।

इधर भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से राजनीतिक और भ्रम फैलाने वाला है, क्योंकि इसी अडानी समूह के साथ गैर भाजपा सरकारे अपने- अपने राज्यों में कारोबार कर रही है । उदाहरण देते हुए बताया गया कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार है जहां 65000 करोड़ का अडानी ने निवेश किया है । केरल में 74000 करोड़ का निवेश, कर्नाटक में एक लाख करोड़ का वादा उद्योग मंत्री एम बी पाटील ने किया है, पश्चिम बंगाल में 35000 करोड़ का निवेश, छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस सरकार है 25000 करोड़ का ठेका कोयला के लिए अडानी को दे रखा है, आंध्र प्रदेश में 60000 करोड़ का निवेश, उड़ीसा 65000 करोड़ का निवेश ऐसे कई राज्य है जहां अडानी ने निवेश किया है।

तनिशचंद्र पीआरओ एसईसीएल, बिलासपुर

इस संबंध में एसईसीएल के पीआरओ तनीश चंद्र ने कहा कि यह आवंटन ग्लोबल ट्रैंडरिंग के अनुसार हुआ है। एसईसीएल ने एमडीओ मोड़ पर 03 खदाने दी है। देश भर में येसी 15 से ज्यादा खदाने दी गई है। तीनो में खदाने तीन अलग अलग कंपनियों को पारदर्शीय तरीके से दी गई है। आज हमारे भारत देश के ऊपर 36 हजार करोड़ का इंपोर्ट बिल है कोयले का अर्थात हम देश में कोयला नही निकाल पा रहे है। जिससे देश का 36 हजार करोड़ रुपया बाहर जा रहा है। इसका सीधा सा असर रूपयो के वेलवेशन पर पड़ता है। हमारी अर्थ व्यवस्था पर पड़ती है। सरकार इसे दो तरीकों से कम करने की दिशा में प्रयास कर रही है। पहला कोल ब्लाक के ऑक्शन का, दूसरा जो खदान हम स्थानीय या जियोग्रफिकी कारणों से नही चला पा रहे है उनमें हम प्राइवेट प्लेयर्स को इनवाइट कर रहे है । आप आइए अपने साथ टेक्नोलॉजी लेकर आइए । हम कोई भी खदाने बेच नही रहे है। खदान हमारी है हमारे पास ही रहेगी। साथ ही साथ जो कोयला निकलेगा वह बाहर के मार्केट में नही बेचा जायेगा । यह कोयला एसईसीएल ही लेगा। कोयला मंत्रालय ने जो नीति बनाई है उसी के तहत यह कार्यान्वित किया गया है इससे देश को फायदा होगा देश का पैसा बचेगा।