Friday, November 15, 2024
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धर्मांतरण या परंपरा?… रतनपुर में आदिवासी प्रार्थना सभा का उद्घाटन विवादों के घेरे में… हिंदूवादी संगठनों ने किया विरोध…पुलिस बल तैनात…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रतनपुर के बंगलाभाठा गांव में आदिवासी सामुदाय प्रार्थना सभा घर के उद्घाटन होना था। जो कि विवादों में घिर गया है। हिंदूवादी संगठनों ने इस कार्यक्रम का विरोध करते हुए इसे धर्मांतरण को बढ़ावा देने का षड्यंत्र करार दिया है।

भाजपा नेता प्रबल प्रताप सिंह ने कार्यक्रम रोकने की है मांग

भाजपा के नेता प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने इस कार्यक्रम पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन स्थानीय आदिवासी समुदाय के धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों के खिलाफ है।

हिंदूवादी संगठनों का विरोध

हिंदूवादी संगठनों ने अपने विरोध को और अधिक मजबूती से पेश करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर हनुमान चालीसा का पाठ करने का निर्णय लिया है। उनका दावा है कि इस प्रकार के आयोजन आदिवासी संस्कृति को कमजोर करने और हिंदू धर्म के प्रति अवमानना करने वाले हैं।

बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती

प्रशासन ने विरोध की संभावित उग्रता को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया है। इस स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस की तैयारियां शुरू कर दी गई हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करने का लिया निर्णय – हिन्दू संगठन

विरोध कर रहे हिंदूवादी संगठनों ने कार्यक्रम स्थल में हनुमान चालीसा का पाठ करने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि इस धार्मिक क्रिया से वे अपने संदेश को मजबूती से प्रस्तुत कर सकेंगे।

सामाजिक और धार्मिक तनाव

इस घटना ने क्षेत्र में सामाजिक और धार्मिक तनाव को बढ़ा दिया है। आदिवासी समुदाय के लोग अपनी प्रार्थना सभा को लेकर चिंतित हैं, जबकि हिंदूवादी संगठन इसे धर्मांतरण की एक चाल मान रहे हैं।

बिलासपुर का यह मामला केवल एक सभा का विरोध नहीं है, बल्कि यह समाज में धर्म और संस्कृति को लेकर चल रही बहस का प्रतीक बन चुका है। इस मामले के विकास पर सभी की नजरें हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन इस स्थिति को कैसे संभालता है।

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