Wednesday, April 16, 2025
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आस्था या राजनीति? छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया क्लाइमेक्स, जाने कौन भगवान, कौन राक्षस? सोशल मीडिया पर घमासान…

छत्तीसगढ़ का रामायण विवाद: राजनीतिक पारा चरम पर  

पूर्व मुख्यमंत्री ने वीडियो पोस्ट कर बीजेपी पर साधा निशाना  

रायपुर। छत्तीसगढ़ में रामायण से प्रेरित एक वीडियो ने सियासी हलचल मचा दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए बीजेपी पर हमला बोला है। वीडियो में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को राम, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण और प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भरत बताया गया है। वहीं, कांग्रेस के नेताओं को राक्षस और महिला नेताओं को राक्षसी के रूप में चित्रित किया गया है।

 

भावनाएं आहत होने का आरोप  

पूर्व मुख्यमंत्री ने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा,

> माननीय विष्णुदेव साय जी ने अपनी PR टीम के माध्यम से स्वयं को ‘प्रभु राम’ घोषित कर दिया है। विपक्ष के नेताओं को राक्षस बताना छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं को आहत करता है। मुख्यमंत्री जी, आप भगवान नहीं हो सकते।

 

सिंहदेव ने लगाया आस्था का अपमान करने का आरोप  

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने भी इसे लेकर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा,

> सत्ता में आते ही बीजेपी और RSS खुद को भगवान समझने लगते हैं। मुख्यमंत्री को राम बताना और विपक्ष की महिला नेताओं को राक्षसी कहना आस्था और महिलाओं का अपमान है। पहले अच्छे इंसान बनने की कोशिश करें।

कांग्रेस की शिकायत और बीजेपी की प्रतिक्रिया  

कांग्रेस ने इस विवादित वीडियो को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

इधर, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि यह “विक्टिम कार्ड” खेलने की साजिश है। उन्होंने लिखा,

> श्रीमान, आपकी पार्टी का रिकॉर्ड देखते हुए यह भी संभव है कि सुर्खियां बटोरने के लिए यह वीडियो खुद ही बनवाया हो। अगर यह जनता की रचनात्मक अभिव्यक्ति है, तो इसे सहन कीजिए। भांचा राम आपको सहिष्णु बनाए।

बीजेपी बनाम कांग्रेस: सियासी बयानबाजी तेज  

इस विवाद ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है। जहां कांग्रेस इसे बीजेपी की “महिला और आस्था विरोधी” सोच बता रही है, वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की “साजिश” करार दे रही है।

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी साल में इस तरह के मुद्दे दोनों दलों के बीच तकरार को और बढ़ाएंगे।

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