रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ शहर की एक सड़क पर बीती रात मानवता की दो तस्वीरें सामने आईं। एक ओर, एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से तड़पती रही और राहगीर उसे देखकर केवल वीडियो बनाते रहे। दूसरी ओर, एक अनजान दंपति ने बिना समय गंवाए अपनी जिम्मेदारी समझी और समय रहते मदद कर जान बचा ली।
जानकारी के अनुसार, रायगढ़ जिले के तमनार थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मिलूपारा गांव की 35 वर्षीय कविता राठिया, जो अपने पति मनोज राठिया के साथ किसी काम के सिलसिले में बिलासपुर गई हुई थी, जहां से बीती रात दोनों रायगढ़ रेलवे स्टेशन में उतरने के बाद पति-पत्नी चक्रधर नगर चैक की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान अचानक महिला की तबियत बिगड़ने लगी जिसके बाद पति-पत्नी दोनों चिल्ला-चिल्लाकर राहगिरों से मदद मांगने लगे। महिला ने सड़क किनारे ही एक बच्चे को जन्म दे दिया। लेकिन इसके बावजूद मौके पर मौजूद लोगों ने उनकी मदद नहीं बल्कि वीडियो बनाने रहे। इसी दौरान वहां से गुजर रहे दंपति ने इंसानियत का फर्ज निभाया और उसकी मदद कर एक नई जान को सुरक्षित दुनिया में आने में मदद की।भीड़ की संवेदनहीनता और उस दंपति की संवेदनशीलता ने एक बड़ा सवाल खड़ा किया — क्या हम अब भी इंसानियत को महत्व देते हैं?
बताया जा रहा है कि इस बीच कोतरा रोड निवासी विजय छाबड़ा अपनी पत्नी के साथ टहलने के लिये निकला हुआ था. उसी ने महिला की हालत को देखते हुए उसने डायल 112 के अलावा संजीवनी 108 को सूचना देकर महिला की मदद की. जिसके बाद महिला और बच्चे को एमसीएच ले जाया गया जहां गर्भनाल को अलग करने के बाद उन्हें मेडिकल कालेज भेजा गया था लेकिन वे लोग वापस अपने गांव लौट गए।