— शहर अध्यक्ष विजय पांडेय ने कहा कि बाबा भीमराव अंबेडकर जी दोहरी लड़ाई लड़ रहे थे ,एक आज़ादी की लड़ाई और दूसरा समाज के उपेक्षित बहु संख्यक जनता के लिए सामाजिक अधिकार और उत्थान के लिए लड़ रहे थे, समाज मे सामाजिक समरसता स्थापित करने में सफल रहे ,उनका जीवन संघर्ष और द्वंद से भरा हुआ है ,सामाजिक जकड़ता ने उन्हें उपेक्षित किया वही उनके गुरु ने जो ब्राम्हण थे भीमराव से विशेष अनुराग रखते थे ,उन्हें अपना सरनेम देकर उत्साह वर्धन किया ,आगे बढ़ने की प्रेरणा दी । गुरु जी ने बताया कि योग्यता के सामने कोई भी सामाजिक बन्धन बाधा नही बन सकता,जिसे बाबा ने सिद्ध किया और आज़ादी के बाद नेहरू मन्त्रिमण्डल में प्रथम कानून मंत्री बने ,संविधान निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही ,देश आज़ादी के अमृतकाल मना रहा है ,जो मजबूत संविधान का परिणाम है।
ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने संविधान में वे सभी तत्वों का समावेश किया जिससे देश की गरीब जनता अपने अधिकार और विकास के लिये लड़ सके ,जिससे सर्वहारा समाज उन्नति के पथ पर आगे बढ़ सके किंतु विगत कुछ वर्षों में देश के अंदर संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों का खुला उलंघन किया जा रहा है ,गरीब गरीब हो रहा है ,और चन्द उद्योगपति विश्वस्तर पर अपना नाम दर्ज करा रहे है,केंद्र सरकार संविधान को नजर अंदाज कर अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए निर्णय ले रही है,केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर स्वहित में दबाव बनाया जा रहा है ,विपक्ष को खत्म करने का प्रयास हो रहा है ,जो लोकतंत्र के मूल भावनाओ के विपरीत है और बाबा भीमराव अंबेडकर के स्वप्नओ के भारत को कहीं न कहीं चोट पहुंचाया जा रहा है ,जिसका भविष्य में प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।
संचालन सैय्यद ज़फ़र अली ने किया।
कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष विजय पांडेय, ज़िला अध्यक्ष विजय केशरवानी, सैय्यद ज़फ़र अली,हरीश तिवारी,नरेन्द्र बोलर, एसएल रात्रे, माधव ओत्तालवार, त्रिभुवन कश्यप, ऋषि पांडेय,भुवनेश्वर यादव,राज कुमार अंचल, शिवा मिश्रा,राकेश शर्मा,अभय नारायण राय, अंकित गौरहा,जगदीश कौशिक,जुगल किशोर गोयल, ब्रजेश साहू, सीमा घृटेश, स्वर्णा शुक्ला,अन्नपूर्णा ध्रुव,उत्तरा सक्सेना,प्रियंका यादव,विनोद साहू मोती ठारवानी,सुभाष ठाकुर,वीरेंद्र सारथी,मनोज शुक्ला,मनोज शर्मा,राजेश शर्मा,सत्येंद्र तिवारी,चन्द्रहास केशरवानी,हेमन्त दिघरस्कार,संजय जायसवाल, राजेश जायसवाल,सुबोद्ध केसरी,विजय दुबे, सुशीला खजुरिया,गणेश रजक,हेरि डेनिएल,डी आर बंजारे,अब्दुल कुरैशी,गंगाराम लास्कर,लक्ष्मी जांगड़े,मधुकर कुर्रे,एन के वर्मा,मार्गेट बेंजामिन,भरत जोशी,सन्तोष जोशी,हरीश ठाकुर,विक्रम बकरे,रणजीत खनूजा,परमानन्द,करम गोरख, अफरोज खान,विनोद यादव,सुभाष सराफ ,राकेश सोनकर आदि उपस्थित थे,