बिलासपुर। शुक्रवार को बिलासपुर स्थित SECL मुख्यालय के बाहर कुसमुंडा और गेवरा क्षेत्र के भू-विस्थापितों ने जमकर हंगामा किया। आरोप है कि अफसरों की मिलीभगत से खदानों में नौकरी के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हो रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी जमीनें ली गईं, लेकिन फर्जी दस्तावेज तैयार कर बाहरी लोगों को नौकरियां दी जा रही हैं।
फर्जी दस्तावेजों से नौकरियों की शिकायत
प्रदर्शनकारियों के अनुसार, कई लोग चिरमिरी, गेवरा और कुसमुंडा की कोयला खदानों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर काम कर रहे हैं। SECL में मजदूर से लेकर जीएम स्तर तक फर्जी नियुक्तियां की गई हैं। इस मामले की शिकायत कोल इंडिया तक की जा चुकी है, लेकिन अभी तक केवल औपचारिक जांच ही की गई है।
प्रबंधन के खिलाफ नाराजगी
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने SECL प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए, फर्जी नियुक्तियों की जांच कर दोषियों को हटाने और जिम्मेदार अफसरों पर सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही, क्षेत्र के सभी भू-विस्थापितों को नौकरी देने की आवाज उठाई। जनसंपर्क अधिकारी सनिश चंद्रा से संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी।
अनुकंपा नियुक्ति में भी गड़बड़ी का आरोप
आंदोलनकारियों का आरोप है कि SECL में केंद्र सरकार के अनुकंपा नियुक्ति के नियमों को भी अनदेखा किया गया है। कई अनुकंपा नियुक्तियां ऐसी दी गई हैं, जिनमें कर्मचारियों के दामाद, भांजा-दामाद और दूर के रिश्तेदारों को नियमों के खिलाफ नौकरी मिली है।