Saturday, April 19, 2025
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82 दिनों से जारी आंदोलन को नहीं सुलझा सके प्रबंधक

कोरबा। एसईसीएल दीपका परियोजना क्षेत्र के भूविस्थापितों ने रोजगार के मामले को लेकर 11 सितंबर से दीपका प्रबंधन के दफ्तर के सामने अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन जारी रखा है। 82 दिनों से जारी आंदोलन को लेकर दीपका प्रबंधन गंभीर नहीं है। इससे नाराज भूविस्थापित व आंदोलनकारियों ने ऐलान किया है कि आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही पूरे परिवार के साथ दीपका खदान को पूर्ण रूप से आर्थिक नाकेबंदी कर बाधित किया जाएगा।

गौरतलब है कि दीपका परियोजना के लिए वर्ष 1986 में ग्राम सिरकी, चैनपुर, सुवाभोड़ी, मलगांव, झिंगटपुर, बेलटिकरी, झाबर, रतिजा, रेंकी, दीपका के लगभग 1701 हेक्टेयर (4167 एकड़) भू-स्वामियों का भूमि अधिग्रहण किया गया था। इसमें रोजगार लगभग 1645 भूस्वामियों को नौकरी का आबंटन प्रबंधन के द्वारा किया गया था जिसमें दीपका परियोजना के द्वारा 1435 भूस्वामियों को रोजगार दिया गया है। 175 रोजगार किन्हीं कारणवश शेष हैं।

जिला प्रशासन के द्वारा सत्यापन करने के उपरांत 41 लोगों को रोजगार के लिए पात्र माना गया है इसमें 35 भू स्वामी रोजगार के एवज में मुआवजा ले लिए हैं। लंबित पात्र 41 भू स्वामियों के आश्रितों को रोजगार के लिए प्रबंधन ने नामांकन भरवाया लेकिन आज तक कोई न कोई कारण लगाकर रोजगार रोका गया है। इसके कारण भूविस्थापित ग्रामीणों में रोजी-रोटी व भविष्य की चिन्ता है। भूविस्थापित ग्रामीण लगातार प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलकर आंदोलन व संघर्ष कर रहे हैं।

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कोरबा। एसईसीएल दीपका परियोजना क्षेत्र के भूविस्थापितों ने रोजगार के मामले को लेकर 11 सितंबर से दीपका प्रबंधन के दफ्तर के सामने अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन जारी रखा है। 82 दिनों से जारी आंदोलन को लेकर दीपका प्रबंधन गंभीर नहीं है। इससे नाराज भूविस्थापित व आंदोलनकारियों ने ऐलान किया है कि आदर्श आचार संहिता खत्म होते ही पूरे परिवार के साथ दीपका खदान को पूर्ण रूप से आर्थिक नाकेबंदी कर बाधित किया जाएगा। गौरतलब है कि दीपका परियोजना के लिए वर्ष 1986 में ग्राम सिरकी, चैनपुर, सुवाभोड़ी, मलगांव, झिंगटपुर, बेलटिकरी, झाबर, रतिजा, रेंकी, दीपका के लगभग 1701 हेक्टेयर (4167 एकड़) भू-स्वामियों का भूमि अधिग्रहण किया गया था। इसमें रोजगार लगभग 1645 भूस्वामियों को नौकरी का आबंटन प्रबंधन के द्वारा किया गया था जिसमें दीपका परियोजना के द्वारा 1435 भूस्वामियों को रोजगार दिया गया है। 175 रोजगार किन्हीं कारणवश शेष हैं। जिला प्रशासन के द्वारा सत्यापन करने के उपरांत 41 लोगों को रोजगार के लिए पात्र माना गया है इसमें 35 भू स्वामी रोजगार के एवज में मुआवजा ले लिए हैं। लंबित पात्र 41 भू स्वामियों के आश्रितों को रोजगार के लिए प्रबंधन ने नामांकन भरवाया लेकिन आज तक कोई न कोई कारण लगाकर रोजगार रोका गया है। इसके कारण भूविस्थापित ग्रामीणों में रोजी-रोटी व भविष्य की चिन्ता है। भूविस्थापित ग्रामीण लगातार प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलकर आंदोलन व संघर्ष कर रहे हैं।