बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम की सामान्य सभा बैठक बजट सत्र के नाम पर बवाल का मंच बन गई। कांग्रेस और भाजपा पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक, आरोप-प्रत्यारोप और शोर-शराबे ने बैठक को अखाड़े में तब्दील कर दिया।
मच्छर मारो या विपक्ष को?
सत्तापक्ष के पार्षदों ने शहर में मच्छरों के बढ़ते प्रकोप और अधूरे सीवरेज कार्यों पर चिंता जताई, वहीं विपक्ष ने लार्वा कंट्रोल और फॉगिंग को लेकर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए है।
पीएम आवास और तकनीकी झमेले
पीएम आवास योजना में हितग्राहियों को लाभ न मिलने की शिकायतों ने बैठक का पारा चढ़ा दिया। साथ ही ऑनलाइन टैक्स भुगतान की तकनीकी खामियों को लेकर भी पक्ष-विपक्ष आमने-सामने नजर आए।
सड़कें अधूरी, सवाल पूरे
पार्षद श्याम कार्तिक ने रायपुर रोड पर मंडपम मार्ग के अधूरे कार्यों और अवैध कब्जे का मुद्दा उठाते हुए निगम की निष्क्रियता पर सवाल दागे। गर्मियों में पानी की समस्या, टैंकर आपूर्ति और बोर खनन जैसे मुद्दों पर भी सदन में गरमागरम बहस हुई।
60 करोड़ के विकास कार्य स्वीकृत, पर बहस पर हावी रहा बवाल
नगरोत्थान योजना के तहत 2025-26 के बजट में 60 करोड़ की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, जिनमें सड़क चौड़ीकरण, गौरव पथ, अटल पथ और बेसमेंट पार्किंग शामिल हैं।
मुक्तिधाम बना मुद्दा, पार्षद की टिप्पणी से मचा बवाल
इसी बीच लिंगियाडीह के कांग्रेस पार्षद दिलीप पाटिल ने ऊर्जा पार्क स्थित मुक्तिधाम को बेहतर बनाने और सरकंडा मुक्तिधाम की तरह पर सुंदर और साफ सुथरा बनाने की मांग की। जिसमे उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम आज एकदम जर्जर है और बदहाल है जिसे ध्यान में रखते हुए सौंदर्यीकरण कराया जाए। लेकिन भाजपा पार्षद जय वाधवानी की विवादास्पद टिप्पणी “मरा हुआ आदमी भी जिंदा हो जाएगा”” ने सदन को असहज कर दिया।
महिला पार्षद पर टिप्पणी, शराब भट्टी और फ्री होल्ड मकान पर उठे सवाल
बता दें कि, सामान्य सभा के बीच भाजपा पार्षद की महिला पार्षद पर टिप्पणी ने माहौल को और गर्मा दिया। शनिचरी शराब भट्टी हटाने और फ्री होल्ड मकानों की पारदर्शिता पर भी जमकर सवाल उठे है।
एक देश, एक चुनाव की मांग
इसी दौरान नगर निगम सामान्य सभा के बीच एमआईसी विजय ताम्रकार ने राष्ट्रपति के नाम सभापति को ज्ञापन सौंपा। और मांग रखी कि नगर निगम चुनाव भी विधानसभा और लोकसभा की तरह एक साथ कराए जाएं, ताकि समय और संसाधनों की बचत हो।
नतीजा: चर्चा कम, तकरार ज्यादा
बैठक में विकास कार्यों से ज्यादा चर्चा विवादों पर होती रही। एक बार फिर निगम की बैठक राजनीति और आरोप-प्रत्यारोप की भेंट चढ़ गई।