Saturday, April 19, 2025
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पी-पी-आर-टीका बचाएगा जिले में भेड़ बकरियों की जान…

बिलासपुर। भेड़ बकरियों को पी.पी.आर. से निजात दिलाने जिले में दिनांक 01.10.2024 से 31-10-2024 तक सघन टीकाकरण कार्यक्रम जिले के चारों विकासखण्ड बिल्हा, कोटा, तखतपुर, और मस्तूरी में चलाया जा रहा है। जिले में भेड़ बकरियों की संख्या 1,34,000 है। सभी अधिनस्थ संस्थाओं को टीका द्रव्य उपलब्ध कराया जा चुका है। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला एवं विकास खण्ड स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।

क्या है पीपी आर

इसे भेड़ बकरियों के प्लेग के रूप में भी जाना जाता है, यह अत्यधिक संक्रामक रोग है जो घरेलू छोटे जुगाली करने वाले पशुओं को होता है।

पीपी आर के लक्षण

इस रोग के होने पर पशुओं को बुखार, मुंह में छाले, दस्त और निमोनिया हो जाता है तथा 50 से 80 प्रतिशत मृत्यु की संभावना होती है। यह टीका विभाग द्वारा प्रति वर्ष लगाया जाता है। जिससे मृत्यु- दर घटकर 10% तक हो गई है।

जिले के संयुक्त संचालक डॉ जी एस एस तंवर ने भेड़ बकरी पालने वाले समस्त पशु पालकों से टीकाकरण कराने अपील की है।

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बिलासपुर। भेड़ बकरियों को पी.पी.आर. से निजात दिलाने जिले में दिनांक 01.10.2024 से 31-10-2024 तक सघन टीकाकरण कार्यक्रम जिले के चारों विकासखण्ड बिल्हा, कोटा, तखतपुर, और मस्तूरी में चलाया जा रहा है। जिले में भेड़ बकरियों की संख्या 1,34,000 है। सभी अधिनस्थ संस्थाओं को टीका द्रव्य उपलब्ध कराया जा चुका है। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु जिला एवं विकास खण्ड स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। क्या है पीपी आर इसे भेड़ बकरियों के प्लेग के रूप में भी जाना जाता है, यह अत्यधिक संक्रामक रोग है जो घरेलू छोटे जुगाली करने वाले पशुओं को होता है। पीपी आर के लक्षण इस रोग के होने पर पशुओं को बुखार, मुंह में छाले, दस्त और निमोनिया हो जाता है तथा 50 से 80 प्रतिशत मृत्यु की संभावना होती है। यह टीका विभाग द्वारा प्रति वर्ष लगाया जाता है। जिससे मृत्यु- दर घटकर 10% तक हो गई है। जिले के संयुक्त संचालक डॉ जी एस एस तंवर ने भेड़ बकरी पालने वाले समस्त पशु पालकों से टीकाकरण कराने अपील की है।