छत्तीसगढ़ में 2023 के अंत में विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष के बदलाव को लेकर अर्चने तेज हो चुकी है।प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच समन्वय स्थापित करने के लिए बस्तर लोकसभा सांसद दीपक बैज को पीसीसी अध्यक्ष बनाए जाने की संभावना लगभग तय मानी जा रही है। इससे पहले कांग्रेस पार्टी के भीतर यह चर्चा थी कि खाद्य मंत्री अमरजीत भगत को पीसीसी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। लेकिन इन सब बातों में विराम लगता हुआ नजर आ रहा है। प्रदेश में कांग्रेस संगठन में बदला की चर्चा उस वक्त गरमा गई। जब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मंगलवार को दिल्ली पहुंचे और राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से मुलाकात कर ली। सूत्रों के मुताबिक यह चर्चाएं संगठनात्मक मुद्दों पर ही हुई है। इन मुलाकातों के बीच, रायपुर से नई दिल्ली तक चर्चाएं फैलने लगीं कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संगठन में बदलाव हो सकता है। इस मुलाकात में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा स्पीकर डा. चरणदास महंत, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू भी दिल्ली में हैं। तमाम दिग्गज नेताओं की मौजूदगी के बीच प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बदले जाने की चर्चा चली।
माना जा रहा है, कि मरकाम के अध्यक्ष बनने के दो साल तक तो सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन इसके बाद भूपेश और मरकाम के बीच मतभेद की भी खबरें आती रहीं। संगठन में नए पदाधिकारियों की नियुक्ति का मामला हो या 2018 चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम करने वालों पद देने, निगम-मंडल में नियुक्तियों पर भी दोनों में टकराव साफ देखा गया। साथ ही संगठन के कई फैसलों में सत्ता को शामिल नहीं किए जाने जैसे कई मामले जिनके कारण मरकाम और भूपेश के बीच दूरियां बढ़ती चली गई। जिसके बाद कांग्रेस पीसीसी अध्यक्ष बदलने को लेकर पार्टी विचार कर रही है। एक-दो दिनों में यह साफ हो जाएगा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव के पहले पीसीसी अध्यक्ष किसको बनाती है।