बिलासपुर। देश में नए अपराधिक कानून को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। आगामी 1 जुलाई से पूरे देश में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे अपराधिक कानून को बदलकर नए कानून के हिसाब से काम किया जाएगा। इसके लिए पुलिस महकमा में बड़े स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। पुलिस के सभी आला अधिकारी लगातार मीटिंग लेकर इसकी जानकारी अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों को दे रहे हैं, ताकि कोई अपनी शिकायत लेकर थाने पहुंचे तो उसे नए कानून और पुराने कानून के उलझन में फंसना ना पड़े। इतना ही नहीं पुलिस कर्मियों की इसके लिए पाठशाला भी लगाई जा रही है।
आईपीसी का धारा बदलकर होगी भारतीय न्याय संहिता
अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे अपराधिक कानून को समय और परिस्थिति के हिसाब से बदलने के लिए देश की संसद में प्रस्ताव लाया गया है। जो आईपीसी से बदलकर भारतीय न्याय संहिता 2023 और सीआरपीसी को बदलकर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम 2023 समेत भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 की गई है। अब इसे लागू करने की तैयारी भी लगभग पूरी हो चुकी है, इसके लिए देश, प्रदेश स्तर से लेकर जिला स्तर तक की तैयारी पुलिस के आला अधिकारियों और थानेदारों द्वारा की जा रही है।
हत्या, ठगी, दुष्कर्म, की बदलेंगी धाराएं
कानून में बदलाव के बाद पुलिस अफसर खुद को अपडेट कर सके इसके लिए बिलासपुर एसपी रजनेश सिंह सभी थानेदारों को नए कानून के संबंध में पुलिस कर्मियों को अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। नए कानून के लागू होने के बाद धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी है, इसलिए इनमें भी बदलाव होगा जैसे की हत्या के लिए लगाए जाने वाली धारा 302 और धारा 101 कहलाएगी। ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाए जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वही दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 आप धारा 63 होगी।
मालखने, जब्ती के सामान की वीडियोग्राफी का डाटा होगा एकत्रित
आधुनिकता के इस दौर में पुलिसिंग को भी स्मार्ट बनाने के लिए कानून में बहुत सारी बदलाव के साथ अपडेशन किया गया है, अपराधों के बाद बयानों और गंभीर मामलों की वीडियोग्राफी की जाएगी इसके साथ ही मालखाने में जप्ती सामान की वीडियोग्राफी कर डाटा एकत्रित किया जाएगा, जो कोर्ट की कार्रवाई के दौरान पुलिसकर्मियों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। महिला संबंधी अपराधों को लेकर नए कानून में सख्ती और सावधानी बढ़ाई गई है। कार्रवाई के दौरान अधिक से अधिक पारदर्शिता लाने और नियमों के कड़ाई से पालन के लिए लगातार थाना स्तर से लेकर प्रदेश स्तर में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारी की पाठशाला लगाई जा रही है। किसी अपराध की जांच के दौरान गलती ना हो इसके लिए विशेष रूप से हर दिन एक अपराध को लेकर उसकी गहन जानकारी देने का कार्य भी उच्चाधिकारियों द्वारा किया जा रहा है।
गंभीर मामलों और टेररिस्ट एक्टिविटी के मामलों में पुलिस को मिलेगी सहूलियत
बदलते समाज और उसमें घटित होने वाले अपराधों के प्रकारों में भी बदलाव हुए हैं खासकर संगठित या व्यवस्थित तरीके से अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है, कई मामलों में देखा जाता है कि, बार-बार अपराध करने के बाद अपराधी जब नया प्रक्रिया से बाहर आता है फिर इस अपराध को अंजाम देता है। फोन में मुख्य रूप से चोरी जुआ सट्टा मारपीट ऐसे कई मामले हैं जो एक ही व्यक्ति द्वारा बार-बार किए जाते हैं इन्हें संगठित अपराध की श्रेणी में लाया गया है। और इसे लेकर भी भारतीय न्याय संहिता और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता अधिनियम में अपराधों की कार्रवाई को प्रविष्ट किया गया है। पूर्व के अपराधिक कानून में टेररिस्ट एक्टिविटी को लेकर अलग संज्ञा नहीं थी लेकिन अब नए कानून में टेरर एक्ट टेररिस्ट एक्टिविटी को लेकर विस्तृत कार्रवाई के निर्देश होंगे जिससे गंभीर मामलों और टेररिस्ट एक्टिविटी के मामलों में पुलिस को कार्रवाई के दौरान सहूलियत प्राप्त होगी।
न्याय व्यवस्था हमेशा से ही रही है सर्वोपरि
140 करोड़ की आबादी वाले भारत में कानून व्यवस्था बनाए रखना बहुत अधिक मेहनत का कार्य है.. लेकिन हमारे समाज के रक्षक और इसे शक्ति प्रदान करने वाली न्याय व्यवस्था हमेशा से ही सर्वोपरि रही है और नए कानून के आ जाने से ऐसे अपराध जिनकी विवेचना पुराने कानून में बेहतर तरीके से नहीं थी उसमें भी प्रदर्शित और विस्तृत जानकारी के साथ पुलिस बेहतर तरीके से कार्य कर सकेगी। हालांकि इसे लेकर तमाम तरह की तैयारी पुलिस महकमे द्वारा की जा रही है। लगातार ऑफलाइन और ऑनलाइन क्लास लगाकर पुलिस कर्मियों को नए कानून और उसके पालन के तरीकों के लिए तैयार किया जा रहा है।