Saturday, April 19, 2025
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बिलासपुर में स्वाइन फ्लू का कहर जारी… एक बार फिर महिला की हुई मौत… जिले में छठवीं मौत… अभी तक स्वाइन फ्लू के 145 से ज्यादा संक्रमित मरीज…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से रही मौत बढ़ती जा रही है।। बिलासपुर जिले में बुधवार को फिर एक मरीज ने इलाज के दौरान बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं 6 नए मरीजों की पहचान की गई है। बीते एक महीने से लगातार मरीज मिल रहे हैं। अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में स्वाइन फ्लू के 45 केस एक्टिव हैं।

अपोलो अस्पताल में भर्ती 59 साल की पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई है। सरकंडा के राजस्व कॉलोनी में रहने वाली 59 वर्षीय महिला को सर्दी खांसी और बुखार की समस्या थी। लगातार कई दिनों तक के तबीयत ठीक नहीं होने पर उन्हें 2 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जहां इलाज के बाद में उनकी स्थिति नहीं सुधर रही थी।

जिले में 145 से ज्यादा मरीज, अब तक 6 की मौत

स्वाइन फ्लू पीड़ितों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बिलासपुर के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार सामने आ रहे है। जिले की बात करें तो अब तक 145 मरीज मिल चुके हैं। वहीं इलाज के दौरान अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी, जिनमें 3 दूसरे जिले के रहने वाले थे। इलाज के लिए यहां अस्पताल में भर्ती किया गया था, जबकि शहर के 6 मरीजों की स्वाइन फ्लू से जान जा चुकी है।

नियंत्रण के प्रयास में सारे दावे फेल

तमाम कोशिशों के बाद भी बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार नए मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। वहीं बीमारी पर नियंत्रण के प्रयास और दावे फेल साबित हो रहे हैं। मौजूदा स्थिति में शहरी क्षेत्र के हर बड़े मोहल्ले से इसके मरीज मिल चुके हैं।

रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं

वहीं साफ है कि रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया तो और लोग भी इससे संक्रमित हो जाएंगे। हालांकि नियंत्रण टीम को मरीज के संपर्क में आने वालों को स्वाइन फ्लू जांच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि इनमें से कोई संक्रमित मिलता है, तो उसका उपचार कर इस संक्रमित बीमारी को नियंत्रण में लाया जा सके।

स्वाइन फ़्लू का लक्षण

स्वाइन फ़्लू से संक्रमित व्यक्ति की छींक या उसके करीब जाने से सांस के जरिए यह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति को मास्क लगाकर रखना चाहिए। हाथों को बार-बार सेनेटाइज़ करना चाहिए. संक्रमित व्यक्ति का हाथ अक्सर नाक और मुंह पर जाता है, इसलिए सर्दी-खांसी के मरीजों से बात करते समय मुंह में रूमाल रखें या मास्क का प्रयोग करें. साथ ही बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से रही मौत बढ़ती जा रही है।। बिलासपुर जिले में बुधवार को फिर एक मरीज ने इलाज के दौरान बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ दिया। वहीं 6 नए मरीजों की पहचान की गई है। बीते एक महीने से लगातार मरीज मिल रहे हैं। अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है। जिले में स्वाइन फ्लू के 45 केस एक्टिव हैं। अपोलो अस्पताल में भर्ती 59 साल की पॉजिटिव बुजुर्ग की इलाज के दौरान मौत हो गई है। सरकंडा के राजस्व कॉलोनी में रहने वाली 59 वर्षीय महिला को सर्दी खांसी और बुखार की समस्या थी। लगातार कई दिनों तक के तबीयत ठीक नहीं होने पर उन्हें 2 सितंबर को अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। जहां इलाज के बाद में उनकी स्थिति नहीं सुधर रही थी। जिले में 145 से ज्यादा मरीज, अब तक 6 की मौत स्वाइन फ्लू पीड़ितों के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बिलासपुर के अलावा प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी स्वाइन फ्लू के मरीज लगातार सामने आ रहे है। जिले की बात करें तो अब तक 145 मरीज मिल चुके हैं। वहीं इलाज के दौरान अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी, जिनमें 3 दूसरे जिले के रहने वाले थे। इलाज के लिए यहां अस्पताल में भर्ती किया गया था, जबकि शहर के 6 मरीजों की स्वाइन फ्लू से जान जा चुकी है। नियंत्रण के प्रयास में सारे दावे फेल तमाम कोशिशों के बाद भी बिलासपुर जिले में स्वाइन फ्लू के मामले थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार नए मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है। वहीं बीमारी पर नियंत्रण के प्रयास और दावे फेल साबित हो रहे हैं। मौजूदा स्थिति में शहरी क्षेत्र के हर बड़े मोहल्ले से इसके मरीज मिल चुके हैं। रोकथाम के लिए कोई ठोस कदम नहीं वहीं साफ है कि रोकथाम के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया तो और लोग भी इससे संक्रमित हो जाएंगे। हालांकि नियंत्रण टीम को मरीज के संपर्क में आने वालों को स्वाइन फ्लू जांच करने का निर्देश दिया गया है, ताकि इनमें से कोई संक्रमित मिलता है, तो उसका उपचार कर इस संक्रमित बीमारी को नियंत्रण में लाया जा सके। स्वाइन फ़्लू का लक्षण स्वाइन फ़्लू से संक्रमित व्यक्ति की छींक या उसके करीब जाने से सांस के जरिए यह दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। इसलिए संक्रमित व्यक्ति को मास्क लगाकर रखना चाहिए। हाथों को बार-बार सेनेटाइज़ करना चाहिए. संक्रमित व्यक्ति का हाथ अक्सर नाक और मुंह पर जाता है, इसलिए सर्दी-खांसी के मरीजों से बात करते समय मुंह में रूमाल रखें या मास्क का प्रयोग करें. साथ ही बार-बार साबुन और पानी से हाथ धोएं या हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें।