बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर जब्बार गौरी और उसके साथियों की मदद करने वाले कॉन्स्टेबल को SP ने बर्खास्त कर दिया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि आरक्षक बबलू बंजारे गैंग की मदद कर पुलिस की गोपनीय जानकारी देता था। पुलिस ने गैंग के सदस्यों को हथियार और गांजा के साथ गिरफ्तार था।
इसी दौरान आरक्षक के उनके संपर्क में होने की जानकारी सामने आई, तब एसपी ने विभागीय जांच कराई। जांच में सही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है।
पुलिस को देखकर बदमाशों ने किया था फायरिंग
हिरीं पुलिस ने बीते 13 मई को बेलमुंडी स्थित सूने यार्डनुमा मकान में दबिश दी थी, जहां टीम पहुंची तो उन्हें देखकर बदमाशों ने फायरिंग करने की चेतावनी दी ओर भागने की कोशिश करने लगे। हालांकि, जवानों ने घेराबंदी कर उन्हें दबोच लिया। इस दौरान उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र के 10 बदमाशों को पकड़ा गया। साथ ही उनके पास से पिस्टल, कट्टा जैसे घातक हथियार, दो कार, दो ट्रक और 21 किलो गांजा भी बरामद किया।
आरक्षक करता रहा मदद, पुलिस अधीक्षक ने किया था सस्पेंड
पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि आरोपी जब्बार गौरी उत्तरप्रदेश का गैंगस्टर है। इसके साथ ही उसके साथियों के खिलाफ भी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग थानों में केस दर्ज हैं।
पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपियों के गैंग के साथ सिरगिट्टी थाने में पदस्थ आरक्षक बबलू बंजारे भी शामिल था, जो उनके संपर्क में रहकर पुलिस की गतिविधियों की जानकारी देता था। इस पर एसपी रजनेश सिंह ने उसे सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश दिए थे।
वॉट्सऐप के माध्यम से तस्करों के संपर्क में था आरक्षक
मामले में आरक्षक की संलिप्ता पाए जाने पर एसपी रजनेश सिंह ने विभागीय जांच कराई। इसमें पता चला कि आरक्षक वॉट्सऐप के माध्यम से तस्करों के संपर्क में था। इसके साथ ही वह पुलिस की गतिविधियों की जानकारी भी तस्करों को देता था।
उसके मोबाइल पर लेनदेन के लिए उसने कई बार कोड तस्करों को दिए, जिसकी जानकारी मिली है। वह पेमेंट का स्क्रीन शॉट भी तस्करों को वॉट्सऐप पर भेजता था। लेन देन का पूरा हिसाब वह वॉट्सऐप पर ही करता था।
महिला और सकरी थाने में कई मामले है दर्ज
बर्खास्त आरक्षक बबलू बंजारे के खिलाफ सकरी थाने में मवेशियों की तस्करी का मामला दर्ज है। इसके अलावा उसके खिलाफ महिला थाने में दर्ज दुष्कर्म के मामले में भी वह आरोपी है। आरक्षक ने विभागीय जांच के दौरान झूठा मेडिकल रिपोर्ट पेश कर कार्रवाई से बचने का प्रयास किया। आरक्षक लगातार अपराधियों के संपर्क में रहा। इसे देखते हुए एसपी ने बर्खास्तगी की कार्रवाई की है।