बलरामपुर: संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही/
परिजनों से कराया प्रसव वार्ड की धुलाई, स्टाफ की संवेदनहीनता उजागर/
बलरामपुर। सरकार भले ही संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत हो, लेकिन अस्पतालों में कार्यरत कुछ स्टाफ सरकार के इन प्रयासों को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। एक ऐसा ही शर्मनाक मामला वाड्रफ नगर सिविल अस्पताल से सामने आया है, जहां एक प्रसूता के सफल प्रसव के बाद उसके परिजनों से प्रसव वार्ड की धुलाई कराई गई।
जानकारी के मुताबिक, गैना गांव की एक गर्भवती महिला अपने परिजनों के साथ प्रसव के लिए वाड्रफ नगर सिविल अस्पताल पहुंची थी। प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव होने पर ड्यूटी पर तैनात नर्स ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए परिजनों से वार्ड की सफाई करवाने की मांग कर दी। इस घटना से परिजन सकते में आ गए और मजबूरी में उन्होंने वार्ड की सफाई की।
परिजनों से सफाई क्यों करवाई गई?
यह घटना सवाल उठाती है कि जब अस्पताल में सफाई के लिए आवश्यक स्टाफ और सुविधाएं मौजूद हैं, तो फिर एक प्रसव पीड़िता के परिजनों से सफाई क्यों करवाई गई? इस असंवेदनशीलता से न केवल परिजनों में असंतोष फैला, बल्कि अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठे हैं।
दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई – बीएमओ
बीएमओ शशांक गुप्ता ने इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स और परिजनों की शिकायतों के आधार पर कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया कि इस घटना की पूरी जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर संबंधित स्टाफ नर्स के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल प्रशासन की असंवेदनशीलता से बढ़ रही हैं समस्याएं
सरकार की ओर से हर संभव कोशिश की जा रही है कि महिलाओं को सुरक्षित और स्वच्छ माहौल में प्रसव की सुविधा मिल सके। लेकिन ऐसे मामलों से लोगों का संस्थागत प्रसव में विश्वास कम होता जा रहा है। ग्रामीण इलाकों में प्रसव के दौरान होने वाली परेशानियों को लेकर सरकार लगातार प्रयास कर रही है, पर अस्पतालों में स्टाफ की असंवेदनशीलता ऐसे प्रयासों को कमजोर कर रही है।
आखिर कब तक प्रसूताओं और उनके परिजनों को इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा?