Saturday, November 23, 2024
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श्रुतिसंगीतालय की दस दिवसीय कार्यशाला का राधाकृष्ण मंदिर में हुआ समापन…

बिलासपुर। श्रुति संगीतालय द्वारा विगत दस दिवस पूर्व सांगीतिक कार्यशाला का प्रारंभ किया गया था जिसमें गायन तथा कैसियो हारमोनियम तबला एवं ढोलक वादन सिखाया गया जिसमें न केवल बाल-किशोर-तरुण विद्यार्थियों ने संगीत सीखा अपितु महिलाएं भी कार्यशाला की सहभागी बनीं। उक्त कार्यशाला का समापन समारोह राधा कृष्ण मंदिर गौरेला में राग संगीत भजन वंदना प्रेरणागीत संस्कृत गीत नर्मदाष्टकम् एवं शिवतांडव स्तोत्र की प्रस्तुति के साथ हुआ। उक्त कार्यक्रम डाक्टर अभय दुबे जी विभागाध्यक्ष संगीत विभाग IGNTUअमरकंटक की अध्यक्षता एवं श्री सुरेन्द्र ताम्रकार जी संगीत शिक्षक के आतिथ्य में हुआ ।

डाक्टर दुबे जी ने बच्चों की मधुर संगीतमय प्रस्तुतियों की मुक्त हृदय सराहना की एवं शिवतांडव स्तोत्र नर्मदाष्टकम् संस्कृत स्त्रोत की संगीतमय प्रस्तुति की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए श्रुतिसंगीतालय के संस्थापक रोहित तिवारी के कार्य को शुभाशीष प्रदान किया। मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र ताम्रकार जी ने कहा कि श्रुति संगीतालय गौरेला वनांचल में शास्त्रीय संगीत का मील का पत्थर साबित होगा।

संगीताचार्य रोहित तिवारी ने श्रुतिसंगीतालय के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम संगीत के माध्यम से समाज में संस्कार गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति आध्यात्म से जुड़ कर विद्यार्थी मानव जीवन सार्थक करें यही श्रुति संगीतालय का उद्देश्य है। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। रोहित तिवारी जी के द्वारा अतिथियों को शाल ओढ़ाकर एवं भगवद्गीता प्रदान कर सम्मानित किया गया।

वादन सहयोग श्री अमृत शुक्ला जी ने एवं उक्त कार्यक्रम का सफल संचालन श्री तीरथ बड़गईंया व्याख्याता संस्कृत ने किया जिसमें सुचिता दुबे ने सहयोग किया। प्रसाद सहयोग सीतू दुबे निधि मिश्रा रचना शुक्ला वंदना चटर्जी ने किया। व्यवस्था सहयोग वैभव सोनू मोनिका मानवी ने किया। विद्यार्थी सुचिता निष्ठा निर्दोष तेजिका स्वास्तिका आदित्य अर्श अथर्व अभिनव शिवाम्बा अद्विता हर्ष हर्षित श्लोक प्रतीक्षा सूरज अंकित रुद्र डुग्गू आदि ने गायन प्रस्तुत किया।

कार्यक्रम में अधिकांश पालक उपस्थित रहे एवं बच्चों की मंचीय प्रस्तुति का आनंद उठाया। अंत में दुर्गेश दुबे ने आभार प्रदर्शन किया

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बिलासपुर। श्रुति संगीतालय द्वारा विगत दस दिवस पूर्व सांगीतिक कार्यशाला का प्रारंभ किया गया था जिसमें गायन तथा कैसियो हारमोनियम तबला एवं ढोलक वादन सिखाया गया जिसमें न केवल बाल-किशोर-तरुण विद्यार्थियों ने संगीत सीखा अपितु महिलाएं भी कार्यशाला की सहभागी बनीं। उक्त कार्यशाला का समापन समारोह राधा कृष्ण मंदिर गौरेला में राग संगीत भजन वंदना प्रेरणागीत संस्कृत गीत नर्मदाष्टकम् एवं शिवतांडव स्तोत्र की प्रस्तुति के साथ हुआ। उक्त कार्यक्रम डाक्टर अभय दुबे जी विभागाध्यक्ष संगीत विभाग IGNTUअमरकंटक की अध्यक्षता एवं श्री सुरेन्द्र ताम्रकार जी संगीत शिक्षक के आतिथ्य में हुआ । डाक्टर दुबे जी ने बच्चों की मधुर संगीतमय प्रस्तुतियों की मुक्त हृदय सराहना की एवं शिवतांडव स्तोत्र नर्मदाष्टकम् संस्कृत स्त्रोत की संगीतमय प्रस्तुति की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए श्रुतिसंगीतालय के संस्थापक रोहित तिवारी के कार्य को शुभाशीष प्रदान किया। मुख्य अतिथि श्री सुरेन्द्र ताम्रकार जी ने कहा कि श्रुति संगीतालय गौरेला वनांचल में शास्त्रीय संगीत का मील का पत्थर साबित होगा। संगीताचार्य रोहित तिवारी ने श्रुतिसंगीतालय के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम संगीत के माध्यम से समाज में संस्कार गढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। भारतीय संस्कृति आध्यात्म से जुड़ कर विद्यार्थी मानव जीवन सार्थक करें यही श्रुति संगीतालय का उद्देश्य है। कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों को अतिथियों द्वारा पुरस्कृत किया गया। रोहित तिवारी जी के द्वारा अतिथियों को शाल ओढ़ाकर एवं भगवद्गीता प्रदान कर सम्मानित किया गया। वादन सहयोग श्री अमृत शुक्ला जी ने एवं उक्त कार्यक्रम का सफल संचालन श्री तीरथ बड़गईंया व्याख्याता संस्कृत ने किया जिसमें सुचिता दुबे ने सहयोग किया। प्रसाद सहयोग सीतू दुबे निधि मिश्रा रचना शुक्ला वंदना चटर्जी ने किया। व्यवस्था सहयोग वैभव सोनू मोनिका मानवी ने किया। विद्यार्थी सुचिता निष्ठा निर्दोष तेजिका स्वास्तिका आदित्य अर्श अथर्व अभिनव शिवाम्बा अद्विता हर्ष हर्षित श्लोक प्रतीक्षा सूरज अंकित रुद्र डुग्गू आदि ने गायन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में अधिकांश पालक उपस्थित रहे एवं बच्चों की मंचीय प्रस्तुति का आनंद उठाया। अंत में दुर्गेश दुबे ने आभार प्रदर्शन किया