बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर सरकंडा स्थित चांटीडीह मेलापारा में शुक्रवार को पुलिस और प्रशासनिक अफसर पहुँचे। वहाँ निगम आमले की मौजूदगी में जैसे ही खाली पड़े मकानों पर बुलडोजर चलवाया, तब भीड़ ने विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद जमकर हंगामा और नारेबाजी करने वाले युवक- युवतियों को पुलिस बल ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है कि निगम अमले ने मेला पारा में रह रहे लोगों को काई बार नोटिस देकर मकान खाली करने की बात कही थी। बावजूद लोगों ने मकान खाली नहीं किया और जब निगम ने अवैध अतिक्रमण हटाने की बात कह रही थी, फिर भी किसी ने नहीं सुना। इस वजह से निगम का बुलडोजर शुक्रवार की सुबह से चलना शुरू हो गया। अब लगातार कार्रवाई जारी है।
अधिकारी बोले – यह बनेगा आवास
निगम प्रशासन की माने तो इस मेला ग्राउंड में आईएचएसडीपी और प्रधानमंत्री आवास का निर्माण प्रस्तावित है। यही वजह कि यहां के लोगों को अशोक नगर और आईएचएसडीपी के आवास आबंटित किए गए हैं। इसके बाद भी कुछ लोगों ने यहां डेरा डाल रखा है, तो कुछ ने मकान को किराए पर दे रखा है। जिसके कारण पुलिस को इन्हें हटाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी।
15 दिन का दिया गया था समय
अधिकारियों ने बताया कि निगम आयुक्त के निर्देश पर पूर्व में भी कार्रवाई की गई थी। आवास अलॉटमेंट के बाद 15 दिन का समय दिया गया था। वहीं अवैध अतिक्रमण हटाने की बात लगातार कही जा रही थी। इसके बाद शुक्रवार को 742 मकानों को तोड़ने की शुरुआत हो चुकी है। योजना के तहत यहां निवासरत लोगों को अशोक नगर में पीएम आवास आबंटन किया जा चुका है। करीब 40 फीसदी लोग वहां शिफ्ट भी कर लिए बाकी को कराया जा रहा। वे लोग विरोध कर रहे जिन्हें मकान नहीं मिला जो सालों से यहां किराए पर रह रहे थे, उन्हें भी सर्वे कराकर मकान दिए जा रहे हैं।
अधूरी व्यवस्था पर कैसे होगा गुजारा
चांटीडीह मेलापारा में नगर निगम के द्वारा अतिक्रमण हटाया जा रहा है। जहां रहवासियों का कहना है कि हमें जहां शिफ्ट कर रहे हैं। वहां न बिजली की सुविधा है और ना ही पानी का सुविधा है। अब कैसे हम अपना गुजारा करेंगे। वहीं कहा कि सरकार से हमें मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है। इससे अच्छा हम यही ठीक हैं।
शिफ्टिंग करने के लिए परेशानियों का करना पड़ रहा सामना
अतिक्रमण में प्रभावित रहवासियों के लिए किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं है। लोग घर टूटने के बाद सामान को शिफ्ट करने के लिए इधर-उधर व्यवस्था में जुड़े हैं। वहीं नगर निगम के लगे वाहनों में किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।