बाघिन का मूवमेंट: इंसानी आबादी के करीब आने से वन विभाग सतर्क
खोंगसरा-गौरेला मार्ग पर बाघिन का वीडियो वायरल
गौरेला पेंड्रा मरवाही/बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मरवाही और बिलासपुर वनमंडल की सीमा पर एक बाघिन के विचरण से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। खोंगसरा-भनवारटंक होते हुए गौरेला मार्ग में बाघिन का वीडियो राजस्व विभाग के कर्मचारियों द्वारा बनाया गया। इंसानी आबादी के पास बाघिन के पहुंचने से वन विभाग सतर्क हो गया है और इलाके में निगरानी बढ़ा दी गई है।
मध्यप्रदेश के कान्हा से छत्तीसगढ़ तक की यात्रा
करीब एक महीने से यह बाघिन मरवाही, कोरबा और बिलासपुर वनमंडल की सीमाओं में विचरण कर रही है। जानकारी के अनुसार, यह बाघिन मध्यप्रदेश के कान्हा-किसली से निकली थी और नए ठिकाने की तलाश में है। इससे पहले इसे चिरमिरी के जंगलों से रेस्क्यू कर अचानकमार टाइगर रिजर्व (एटीआर) में छोड़ा गया था। हालांकि, वह वहां से निकलकर दोबारा मरवाही वनमंडल के जंगलों में पहुंच गई।
गले में कॉलर ID से पल-पल की निगरानी
बाघिन के गले में लगे कॉलर ID से उसके मूवमेंट की जानकारी वन विभाग को मिल रही है। मौजूदा समय में यह गौरेला-खोंगसरा मार्ग के जंगलों और बानघाट क्षेत्र के आसपास बनी हुई है। वन विभाग लगातार इस क्षेत्र की निगरानी कर रहा है और लोगों को जंगलों में न जाने की सलाह दे रहा है।
अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर लौट रही बाघिन
मरवाही वनमंडल के डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि बाघिन अब बिलासपुर वनमंडल के बेलगहना रेंज में प्रवेश कर चुकी है। वह केंवची बफर क्षेत्र से होते हुए अचानकमार टाइगर रिजर्व की ओर बढ़ रही है।
पिछली घटनाएं: इंसानों और बाघों का टकराव
– 2024 की घटना: इसी क्षेत्र में एक बाघ ने ग्रामीणों की पालतू गाय पर हमला किया था, जिससे इंसानों और वन्यजीवों के बीच टकराव बढ़ा।
– रेस्क्यू ऑपरेशन: 2023 में मरवाही वनमंडल में फंसे एक बाघ को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया था।
– वन विभाग की चुनौती: लगातार बढ़ती इंसानी आबादी और जंगलों के कटाव के कारण बाघ अपने पुराने ठिकानों से विस्थापित हो रहे हैं।
वन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने, बाघिन के इलाके में न जाने, और किसी भी घटना की सूचना तुरंत देने की अपील की है।