Friday, November 15, 2024
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10 साल पहले हुई पिता की हत्या का बदला लेने तीन भाइयों ने पड़ोसी को फरसा से ताबड़तोड़ हमला… मौके पर युवक हुई मौत… आरोपी ने कहा: मां को टोनही कहकर करते थे प्रताड़ित…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ बिलासपुर जिले में रक्षाबंधन के दिन एक सनसनीखेज हत्याकांड की घटना सामने आया है। जिसमें 3 भाइयों ने मिलकर पड़ोसी व्यक्ति को कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के मुताबिक़, ग्राम लगरा में रहने वाला छतराम केंवट रोजी- मजदूरी करता था। सोमवार की सुबह उनके पड़ोसी जितेंद्र केंवट, धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट ने उस पर घात लगाकर कुल्हाड़ी और लाठी से जान लेवा हमला कर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे।

2 आरोपी हिरासत में, मुख्य आरोपी अब भी फरार

दिनदहाड़े हत्या की वारदात से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो छतराम केंवट की लाश पड़ी हुई थी। परिजन से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने गांव में दबिश देकर हमलावर धर्मेन्द्र केंवट व हेमंत केंवट को हिरासत में ले लिया है। वहीं मुख्य आरोपी जितेन्द्र केंवट फरार है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

10 साल पहले हुई पिता की हत्या का बदला लेने तीनों भाइयों ने फरसा से पड़ोसी की कर दी हत्या

सरकण्डा थाना के एसआई रामनरेश यादव ने बताया कि लगरा निवासी संतोष केंवट व उसके बेटे छतराम केंवट ने 10 साल पहले जमीन विवाद पर चचेरे भाई तिलक केंवट की हत्या कर दी थी। 8 साल जेल में रहने के बाद पिता पुत्र छूटकर बाहर आए हैं। संतोष केंवट कमाने खाने के लिए पुणे चला गया। छतराम केंवट घर में रहकर रोजी मजदूरी करने लगा। वहीं मृतक आरोपी जितेन्द्र की मां को टोनही बोला करता था। इस पर दो दिन पहले 17 अगस्त को मृतक तिलक केंवट का बेटा जितेन्द्र केंवट घर जाकर छतराम केंवट को पिता की हत्या करने पर उसे हत्या करने की धमकी देकर आया था। 19 अगस्त को दोपहर एक बजे छतराम केंवट गोपाल नामक व्यक्ति से पैसा लेकर बाइक से घर लौट रहा था। अपने घर के पास तीनों ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। जिसके बाद वह खून से लथपथ हो बाइक सहित जमीन में गिर गया। जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई।

मां को टोनही कहकर करते थे प्रताड़ित

आरोपी युवकों ने बताया कि छतराम और उसके परिवार के लोगो ने पहले उनके पिता तिलक की हत्या कर दी थी। इसके बाद वे उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके कारण मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बनाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाईयों ने छतराम की हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार को मौका मिलते ही उन्होंने छतराम को मौत के घाट उतार दिया है।

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ बिलासपुर जिले में रक्षाबंधन के दिन एक सनसनीखेज हत्याकांड की घटना सामने आया है। जिसमें 3 भाइयों ने मिलकर पड़ोसी व्यक्ति को कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी। मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है। मिली जानकारी के मुताबिक़, ग्राम लगरा में रहने वाला छतराम केंवट रोजी- मजदूरी करता था। सोमवार की सुबह उनके पड़ोसी जितेंद्र केंवट, धर्मेंद्र केंवट और हेमंत केंवट ने उस पर घात लगाकर कुल्हाड़ी और लाठी से जान लेवा हमला कर मौके पर ही मौत के घाट उतार दिया है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए थे। 2 आरोपी हिरासत में, मुख्य आरोपी अब भी फरार दिनदहाड़े हत्या की वारदात से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची तो छतराम केंवट की लाश पड़ी हुई थी। परिजन से पूछताछ करने के बाद पुलिस ने गांव में दबिश देकर हमलावर धर्मेन्द्र केंवट व हेमंत केंवट को हिरासत में ले लिया है। वहीं मुख्य आरोपी जितेन्द्र केंवट फरार है। पुलिस उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। 10 साल पहले हुई पिता की हत्या का बदला लेने तीनों भाइयों ने फरसा से पड़ोसी की कर दी हत्या सरकण्डा थाना के एसआई रामनरेश यादव ने बताया कि लगरा निवासी संतोष केंवट व उसके बेटे छतराम केंवट ने 10 साल पहले जमीन विवाद पर चचेरे भाई तिलक केंवट की हत्या कर दी थी। 8 साल जेल में रहने के बाद पिता पुत्र छूटकर बाहर आए हैं। संतोष केंवट कमाने खाने के लिए पुणे चला गया। छतराम केंवट घर में रहकर रोजी मजदूरी करने लगा। वहीं मृतक आरोपी जितेन्द्र की मां को टोनही बोला करता था। इस पर दो दिन पहले 17 अगस्त को मृतक तिलक केंवट का बेटा जितेन्द्र केंवट घर जाकर छतराम केंवट को पिता की हत्या करने पर उसे हत्या करने की धमकी देकर आया था। 19 अगस्त को दोपहर एक बजे छतराम केंवट गोपाल नामक व्यक्ति से पैसा लेकर बाइक से घर लौट रहा था। अपने घर के पास तीनों ने उस पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। जिसके बाद वह खून से लथपथ हो बाइक सहित जमीन में गिर गया। जिसके बाद उनकी मौके पर ही मौत हो गई। मां को टोनही कहकर करते थे प्रताड़ित आरोपी युवकों ने बताया कि छतराम और उसके परिवार के लोगो ने पहले उनके पिता तिलक की हत्या कर दी थी। इसके बाद वे उनकी मां को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। इसके कारण मोहल्ले वाले भी उनसे दूरी बनाने लगे थे। इसी बात को लेकर धर्मेंद्र और उसके भाईयों ने छतराम की हत्या करने की योजना बना ली थी। सोमवार को मौका मिलते ही उन्होंने छतराम को मौत के घाट उतार दिया है।