जशपुर जिले में पुलिस रिश्वत घोटाला: दुष्कर्म की एफआईआर दर्ज कराने के लिए पीड़ित परिवार को मुर्गा-भात खिलाना पड़ा/
मुर्गा-भात के बाद एफआईआर दर्ज हुई/
जशपुर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पंडरापाठ चौकी में एक अमानवीय घटना सामने आई है, जहां एक पहाड़ी कोरवा आदिवासी परिवार को दुष्कर्म के मामले में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस को रिश्वत और मुर्गा-भात खिलानी पड़ी। घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।
चौकी प्रभारी पर रिश्वत मांगने का आरोप
पंडरापाठ चौकी के प्रभारी मनीराम साहनी पर आरोप है कि उन्होंने पीड़िता के पति से एफआईआर दर्ज कराने के एवज में एक मुर्गा और 1000 रुपये की रिश्वत मांगी। इसके अलावा, पीड़िता के मेडिकल जांच और मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए परिवार को अतिरिक्त पैसे देने पड़े।
पीड़ित परिवार को अपनी जमीन गिरवी रखनी पड़ी
यहां तक कि पीड़ित परिवार को इन सभी खर्चों को पूरा करने के लिए अपनी जमीन को गिरवी रखना पड़ा। पीड़िता के पति ने इस मामले की शिकायत जशपुर एसपी शशि मोहन सिंह से की है।
एफआईआर में धारा 376 की मांग को लेकर विवाद
पुलिस का कहना है कि पीड़िता का पति एफआईआर में धारा 376 (बलात्कार) की मांग कर रहा था, जबकि चौकी प्रभारी ने उसे बताया कि कानून के तहत कार्रवाई बीएनएस की धारा 64 के अंतर्गत की जा रही है।
ये है पूरा मामला
2 दिसंबर को 29 वर्षीय विवाहिता ने पंडरापाठ चौकी में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने बताया कि वह पड़ोस में हो रहे झगड़े को सुलझाने के लिए बाहर आई थी, तभी आरोपी ने उसे बलात्कार का शिकार बना लिया। मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हुई है।
एसपी ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया
जशपुर एसपी शशि मोहन सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच एसडीओपी बगीचा को सौंप दी गई है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने स्पष्ट किया कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
पूर्व मुख्यमंत्री के पोस्ट से गरमाया मामला
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले को लेकर इंटरनेट मीडिया एक्स में पोस्ट किया है। अपने पोस्ट में भूपेश बघेल ने इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप की मांग भी की है। पूर्व मुख्यमंत्री के पोस्ट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है।