Wednesday, December 4, 2024
Homeअन्य खबरेजब एंबुलेंस नहीं आई, तो खाट बनी स्ट्रेचर, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का...

जब एंबुलेंस नहीं आई, तो खाट बनी स्ट्रेचर, बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का सबूत, मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खुली…

मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा: एंबुलेंस के अभाव में घायल महिला खाट पर अस्पताल पहुंची/

एंबुलेंस सेवा की असफलता

मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के छिपछिपी गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा का एक और उदाहरण सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र में एक घायल महिला को एंबुलेंस की अनुपलब्धता के चलते खाट पर रखकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा।

जानकारी के अनुसार, महिला का पैर बैलों की लड़ाई के दौरान गंभीर रूप से टूट गया। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में परिजनों को मजबूर होकर महिला को खाट पर लिटाना पड़ा और एक पिकअप वाहन की सहायता से उसे मनेंद्रगढ़ अस्पताल पहुंचाया गया।

विपक्ष का सरकार पर हमला

घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने इसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “जब स्वास्थ्य मंत्री के अपने क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों में क्या हालात होंगे, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। सरकार को तुरंत प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की आवश्यकता है।”

कमरो ने यह भी कहा कि यह घटना न केवल सरकार की असफलता को उजागर करती है, बल्कि प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं की अनदेखी को भी स्पष्ट करती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, *”दिया तले अंधेरा”*, जो इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा।

सोशल मीडिया पर आक्रोश

महिला को खाट पर लिटाकर अस्पताल ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो ने लोगों का ध्यान राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर खींचा। आम जनता ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए सरकार से सवाल पूछे हैं।

स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की मांग

इस घटना ने राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा की अनुपलब्धता के कारण किसी मरीज को इस तरह परेशान होना पड़ा हो। उन्होंने सरकार से अपील की है कि स्वास्थ्य सेवाओं को जल्द से जल्द बेहतर बनाया जाए।

प्रशासन की नाकामी उजागर

यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार की उदासीनता का बड़ा उदाहरण है। एक ओर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इसके विपरीत नजर आती है।

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संकट और गहरा सकता है।

स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का प्रतिबिंब 

छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ की यह घटना केवल एक क्षेत्र विशेष की समस्या नहीं है, बल्कि यह राज्यव्यापी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का प्रतिबिंब है। सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दे और व्यवस्था को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए।

पीड़ित पक्ष ने क्या बोला सुने 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Popular Posts

मंत्री के क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा: एंबुलेंस के अभाव में घायल महिला खाट पर अस्पताल पहुंची/ एंबुलेंस सेवा की असफलता मनेन्द्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ विधानसभा क्षेत्र के छिपछिपी गांव में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा का एक और उदाहरण सामने आया है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के क्षेत्र में एक घायल महिला को एंबुलेंस की अनुपलब्धता के चलते खाट पर रखकर अस्पताल पहुंचाना पड़ा। जानकारी के अनुसार, महिला का पैर बैलों की लड़ाई के दौरान गंभीर रूप से टूट गया। परिजनों ने तुरंत 108 एंबुलेंस सेवा से संपर्क किया, लेकिन उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं है। इस स्थिति में परिजनों को मजबूर होकर महिला को खाट पर लिटाना पड़ा और एक पिकअप वाहन की सहायता से उसे मनेंद्रगढ़ अस्पताल पहुंचाया गया। विपक्ष का सरकार पर हमला घटना के बाद विपक्ष ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा। पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने इसे राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “जब स्वास्थ्य मंत्री के अपने क्षेत्र में ऐसी स्थिति है, तो अन्य इलाकों में क्या हालात होंगे, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती। सरकार को तुरंत प्राथमिकता के आधार पर स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की आवश्यकता है।” कमरो ने यह भी कहा कि यह घटना न केवल सरकार की असफलता को उजागर करती है, बल्कि प्राथमिक चिकित्सा सेवाओं की अनदेखी को भी स्पष्ट करती है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, *"दिया तले अंधेरा"*, जो इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा। सोशल मीडिया पर आक्रोश महिला को खाट पर लिटाकर अस्पताल ले जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो ने लोगों का ध्यान राज्य की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर खींचा। आम जनता ने इसे प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए सरकार से सवाल पूछे हैं। स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की मांग इस घटना ने राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा की अनुपलब्धता के कारण किसी मरीज को इस तरह परेशान होना पड़ा हो। उन्होंने सरकार से अपील की है कि स्वास्थ्य सेवाओं को जल्द से जल्द बेहतर बनाया जाए। प्रशासन की नाकामी उजागर यह घटना स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार की उदासीनता का बड़ा उदाहरण है। एक ओर सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार का दावा करती है, वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत इसके विपरीत नजर आती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जल्द ही स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य संकट और गहरा सकता है। स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का प्रतिबिंब  छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ की यह घटना केवल एक क्षेत्र विशेष की समस्या नहीं है, बल्कि यह राज्यव्यापी स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति का प्रतिबिंब है। सरकार को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं से सबक लेते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को प्राथमिकता दे और व्यवस्था को सुधारने के लिए तत्काल कदम उठाए। पीड़ित पक्ष ने क्या बोला सुने