बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर जिले से पुलिस विभाग को शर्मसार कर देने वाला एक मामला सामने आया है। एक मां चार महीने से अपनी गुमशुदा बेटी की तलाश में लगातार पुलिस थाने के चक्कर काट रही है, लेकिन अब तक उसकी कोई मदद नहीं हो पाई है। हैरानी की बात यह है कि मदद करने के बजाय, पीड़ित महिला से एक एएसआई द्वारा 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा है। इस आरोप का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने पुलिस महकमे की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
रक्षक” की भूमिका निभाने वाली पुलिस यदि खुद “भक्षक” बन जाए, तो न्याय की उम्मीद धुंधली हो जाती है — यह मामला इसी सच्चाई को उजागर करता है।
जानकारी के मुताबिक, कोटा थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला की नाबालिग बेटी पिछले चार महीने से लापता है।।घटना के बाद से पीड़िता लगातार कोटा थाना के चक्कर काट रही थी और पुलिस से बेटी को खोजने की गुहार लगा रही थी. इसी दौरान थाने में पदस्थ एएसआई हेमंत पाटले ने महिला से कहा कि उनकी बेटी का लोकेशन राजस्थान में मिला। तो हेमंत पाटले एएसआई ने उसे वापस लाने के लिए 30 हजार मोटी रकम की डिमांड कर डाली। हालांकि पीड़ित महिला को मजबूरन 20 हजार रुपए पैसे देने पड़े। बताया जा रहा है कि लोकेशन मिलने के बाद बेटी को वापस लाने के नाम पर यह रकम ली गई है, जो अब पुलिस महकमे में चर्चा का विषय बन गया है.
एसएसपी सिंह ने एएसआई को किया निलंबित
इस दौरान रिश्वत लेते हुए एएसआई का वीडियो भी सामने आ गया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी रजनेश सिंह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एएसआई हेमंत पाटले को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर लाइन अटैच कर दिया है। इस घटना से पुलिस विभाग की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।