बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में पुलिस हिरासत में स्वास्थ्य विभाग के प्यून गुरुचरण मंडल (30) की मौत के बाद शुक्रवार को भी तनाव बना रहा। पुलिस द्वारा मृतक की डेडबॉडी को गृहग्राम संतोषी नगर ले जाते समय आक्रोशित भीड़ ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। इस दौरान मौके पर हालात संभालने पहुंची एएसपी निमिषा पांडे पर महिलाओं ने हमला किया, जिसमें एक महिला उन्हें चप्पल से मारती हुई नजर आई। पथराव और हमले के दौरान एएसपी पांडे दो बार गिर गईं और उन्हें चोट भी आई।
मामले में पहले मृतक के परिजनों और बंगाली समाज ने शव को लेने से इनकार कर दिया था। हालांकि, पुलिस ने भारी विरोध के बीच किसी तरह डेडबॉडी को संतोषी नगर तक पहुंचाया। संतोषी नगर में भी लोगों में आक्रोश बना रहा और माहौल तनावपूर्ण रहा।
गुरुवार रात थाने में भीड़ का हंगामा और तोड़फोड़
इस घटना के बाद गुरुवार रात को भी बलरामपुर थाने में आक्रोशित भीड़ ने तोड़फोड़ की। देर रात तक हंगामा करने के बाद लोगों ने थाने और एसपी कार्यालय के सामने नेशनल हाइवे पर प्रदर्शन किया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर प्रदर्शनकारियों को हटाया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने थाने के प्रभारी प्रमोद रूसिया और एक आरक्षक अजय यादव को निलंबित कर दिया है।
मृतक के पिता के आरोप और पुलिस का स्पष्टीकरण
मृतक गुरुचरण मंडल के पिता शांति राम मंडल ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे को मारकर लटकाया है और पिछले तीन दिनों से गुरुचरण को प्रताड़ित कर रही थी। वहीं, एएसपी शैलेंद्र पांडे ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा कि गुरुचरण को केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उसने थाने के बाथरूम में फांसी लगा ली।
जानिए क्या है पूरा मामला
बलरामपुर पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के प्यून गुरुचरण मंडल को गुरुवार को पूछताछ के लिए बुलाया था। बाद में पुलिस लॉकअप के बाथरूम में उसकी फांसी पर लटकी लाश मिली, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया, लेकिन विरोध के कारण तनाव बरकरार है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया ट्वीट